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Study report says at least 2.7 to 3.3 million deaths due to the two waves of coronavirus disease in India
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कोरोना से मौतें: अध्ययन में दावा, भारत में करीब 33 लाख लोगों की गई संक्रमण से जान
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Tue, 27 Jul 2021 07:56 AM IST
सार
अध्ययन जून 2020 और 2021 के बीच आठ राज्यों और सात शहरों में दर्ज अधिक मृत्यु दर पर आधारित है और इसी की गणना के आधार पर अनुमान लगाया गया है।
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कोरोना से मौतें (फाइल फोटो)
- फोटो : पीटीआई
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विस्तार
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देश में कोरोना से मरने वालों की संख्या को लेकर आए दिन अध्ययन के आधार पर नए दावे किए जा रहे हैं, जो सरकारी आकंड़ों पर सवाल उठा रहे हैं। भारत में भले ही सरकारी आंकड़ों के हिसाब से चार लाख 20 हजार से अधिक मौतें हुई हों, लेकिन एक अध्ययन में दावा किया गया है कि भारत में कोरोना की दोनों लहर के दौरान 27-33 लाख लोगों की संक्रमण से मौतें हुई हैं।
टोरंटो विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर ग्लोबल हेल्थ रिसर्च के डॉ प्रभात झा और डार्टमाउथ कॉलेज में अर्थशास्त्र विभाग के डॉ. पॉल नोवोसाद द्वारा लिखित एक अध्ययन में यह अनुमान लगाया गया है।
यह अध्ययन जून 2020 और 2021 के बीच आठ राज्यों और सात शहरों में दर्ज अधिक मृत्यु दर पर आधारित है, और इसी की गणना के आधार पर अनुमान लगाया गया है।
2020 में महामारी की पहली लहर के दौरान दर्ज की गई औसत अतिरिक्त मृत्यु दर 22 फीसदी थी। इस दौरान आंध्र प्रदेश में 63 फीसदी से लेकर केरल में 6 फीसदी तक मृत्युदर थी, जो इस साल अप्रैल और जून के बीच महामारी की दूसरी लहर के दौरान बढ़कर 46 फीसदी हो गया और मध्यप्रदेश में सबसे अधिक 198 फीसदी तक मृत्युदर दर्ज की गई।
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पिछले वर्षों की तुलना में 2020 और 2021 में किसी भी कारण से होने वाली मौतों की संख्या के बीच का अंतर अधिक मृत्यु दर को बढ़ाता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि इनमें से अधिकतर अतिरिक्त मौतें कोविड-19 के कारण हुई हैं।
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इसके समकक्ष-रिव्यू अध्ययन, जिसे हाल ही में मेडरेक्सिव (MedRxiv) पर अपलोड किया गया था, वह नागरिक पंजीकरण प्रणाली पर अधिक मृत्यु दर के आंकड़ों जो सभी जन्म और मृत्यु को रिकॉर्ड करता है, और स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली के माध्यम से एकत्र किए गए कई स्वास्थ्य संस्थानों के आंकड़ों और एक टेलीफोनिक सर्वेक्षण पर आधारित है।
बता दें कि कुछ दिन पहले अमेरिकी रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भारत में कोरोना से 34 से 49 लाख लोगों की मौतें हुई हैं। यह संख्या भारत सरकार के आंकड़ों से 10 गुना से भी ज्यादा है। रिपोर्ट को तैयार करने वालों में चार साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे अरविंद सुब्रमण्यन भी शामिल हैं।
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वाशिंगटन के अध्ययन संस्थान सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट की ओर से जारी रिपोर्ट में सरकारी आंकड़ों, अंतरराष्ट्रीय अनुमानों, सेरोलॉजिकल रिपोर्टों और घरों में हुए सर्वे को आधार बनाया गया है। अरविंद सुब्रमण्यन, अभिषेक आनंद और जस्टिन सैंडफर ने दावा किया है कि मृतकों की वास्तविक संख्या कुछ हजार या लाख नहीं दसियों लाख है। गौरतलब है कि भारत सरकार द्वारा जारी आंकड़ों पर पहले भी संशय जताया गया है।
अमेरिकी अध्ययन में कहा गया है कि भारत में जनवरी 2020 से जून 2021 के बीच कोविड-19 से लगभग 50 लाख (4.9 मिलियन) लोगों की मृत्यु हुई है, जिससे यह विभाजन और स्वतंत्रता के बाद से देश की सबसे बड़ी मानव त्रासदी बन गई है। वहीं कोरोना वायरस का डेल्टा वैरिएंट दुनिया भर में चिंता की एक नई लहर पैदा कर रहा है।
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