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श्रमिक ट्रेन में कई महिलाएं बनी मां, ट्रेन के कोच में गूंजीं किलकारियां
न्यूज़ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Tanuja Yadav
Updated Fri, 22 May 2020 04:43 PM IST
सार
एक से 21 मई तक 24 गर्भवती महिलाओं ने किया सफर
24 में से 16 महिलाओं ने ट्रेन के कोच में दिया बच्चे को जन्म
मेडिकल स्टाफ की मदद से खिली नन्हीं किलकारियां
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सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
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25 मार्च को लगे लॉकडाउन के दो महीने बाद मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन चली। इन ट्रेन में कई मजदूर घर वापसी का सपना आंखों में लिए चले क्योंकि लॉकडाउन के कुछ दिनों बाद ही कई मजदूरों को खाना-पानी की दिक्कतें होने लगी थी।
इन प्रवासी मजदूरों में एक 21 वर्षीय कांति बंजारी है जो अमृतसर से छत्तीसगढ़ जा रही है। ट्रेन मध्य प्रदेश के पंधुरना स्टेशन पर रुकती है जहां कांति बंजारी स्वास्थ्य कर्मचारियों की सहायता से अपने स्वस्थ बच्चे को जन्म देती है।
एक से 21 मई तक श्रमिक ट्रेन में कम से कम 24 महिलाओं ने सफर किया है। भारतीय रेल के अधिकारियों ने बताया कि इन 24 महिलाओं में से 16 ने ट्रेन में ही अपने बच्चे को जन्म दे दिया और बची आठ महिलाओं को अस्पताल ले जाने की स्थिति पैदा हुई।
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बीते मंगलवार को 27 वर्षीय मधु कुमारी ने अहमदाबाद से बांदा जा रही ट्रेन में अपने बच्ची को जन्म दिया। मधु कुमारी की मदद दो सहयात्री महिलाओं ने की, इनमें से एक ने टायलेट की टंकी से पानी का प्रबंध किया और दूसरी ने तोलियों और सैनिटाइजर को इकट्ठा किया।
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झांसी स्टेशन पहुंचने के बाद मां और नवजात बच्ची को मेडिकल सुविधाएं मिली। मधु कुमारी के पति मनोज कुमार ने बताया कि जब उन्होंने मधु कुमारी को ट्रेन पर चढ़ाया तो उन्हें डर था कि वो मधु और उनके बच्चे दोनों को खो देंगे। मनोज ने कहा कि वो खुद को दोषी मानने लगे लेकिन उनके पास ना नौकरी बची है और ना ही पैसा, उनके पास कोई विकल्प नहीं था।
23 साल की सुभद्रा ने जालंधर मुरादाबाद ट्रेन में बैठी और 21 साल की मिंटू देवी जिरानिया-खगारिया वाले रास्ते में सफर कर रही थी। दोनों महिलाओं को रेलवे पुलिस फोर्स की मदद से मेडिकल सुविधाएं मिलीं और दोनों ने ट्रेन के कोच में अपने बच्चों को जन्म दिया।
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लेकिन 29 वर्षीय गर्भवती महिला के साथ दुखभरा हादसा हो गया। महिला ने जोधपुर से बस्ती के लिए ट्रेन पकड़ी और दो जुड़वां बच्चों को जन्म दिया लेकिन दोनों में से एक बच्चा जन्म लेने के कुछ देर बाद ही मर गया। रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि बाद से इस महिला को बस्ती की सरकारी अस्पताल में भर्ती करा दिया गया।
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