मूवी रिव्यू: बम्फाड़
कलाकार: आदित्य रावल, शालिनी पांडे, शिवम मिश्रा, सना अमीन शेख, जतिन सरना, विजय कुमार और विजय वर्मा।
निर्देशक: रंजन चंदेल
निर्माता: जार पिक्चर्स और शाइका फिल्म्स
ओटीटी: ज़ी5
रेटिंग: ***
पिच्चर, सलीमा कहो या फिलिम, थिएटर में देखने का मजा ही कुछ और होता है। उसकी अपनी एक तासीर होती है। वैसे ही, जैसे कानपुर, उन्नाव, इलाहाबाद में कट्टे की होती है। फिल्म बम्फाड़ तमाम सारे नए कलंदरों की फिल्म है। हीरो नया है। हीरोइन नई है। डायरेक्टर नया है। और, ये भी नया है कि इसमें अनुराग कश्यप प्रजेंट्स का ठप्पा पहले आता है। फिल्म बनाई किसने उनकी कुंडली फिल्म खत्म होने के बाद खुलती है। ‘यस’ का ‘नो’ हो जाने से क्या होता है, ये फिल्म खुद बता देती है। वैसे फिल्म की तासीर का मजा बहुत सही तब आता, अगर इसे बनाते समय समझ में ये आ जाता कि 315 बोर के कट्टे को 12 बोर का कट्टा नहीं बताना चाहिए।
कलाकार: आदित्य रावल, शालिनी पांडे, शिवम मिश्रा, सना अमीन शेख, जतिन सरना, विजय कुमार और विजय वर्मा।
निर्देशक: रंजन चंदेल
निर्माता: जार पिक्चर्स और शाइका फिल्म्स
ओटीटी: ज़ी5
रेटिंग: ***
पिच्चर, सलीमा कहो या फिलिम, थिएटर में देखने का मजा ही कुछ और होता है। उसकी अपनी एक तासीर होती है। वैसे ही, जैसे कानपुर, उन्नाव, इलाहाबाद में कट्टे की होती है। फिल्म बम्फाड़ तमाम सारे नए कलंदरों की फिल्म है। हीरो नया है। हीरोइन नई है। डायरेक्टर नया है। और, ये भी नया है कि इसमें अनुराग कश्यप प्रजेंट्स का ठप्पा पहले आता है। फिल्म बनाई किसने उनकी कुंडली फिल्म खत्म होने के बाद खुलती है। ‘यस’ का ‘नो’ हो जाने से क्या होता है, ये फिल्म खुद बता देती है। वैसे फिल्म की तासीर का मजा बहुत सही तब आता, अगर इसे बनाते समय समझ में ये आ जाता कि 315 बोर के कट्टे को 12 बोर का कट्टा नहीं बताना चाहिए।