नीति आयोग और देश के कई बड़े स्वास्थ्य विशेषज्ञ संयुक्त रूप से तीन महीने की गाइडलाइन तैयार करने में जुटे हैं। इसके तहत हर जिले में कोविड अस्पताल तैयार करने के अलावा क्वारंटीन और आईसोलेशन, वेंटिलेटर, आईसीयू बेड में बढ़ोतरी, दो महीने की एडवांस पेंशन, घर जाकर मिड डे-मील वितरण, राशन की उपलब्धता और किसान-मजदूरों को मिलने वाली आर्थिक मदद में वृद्घि आदि बिंदुओं पर योजना बनाई जा रही है।
अभी तक की स्थिति का आकलन करते हुए तीन महीने का खाका तैयार किया जा रहा है। राज्य और केंद्र मिलकर इस वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। हालांकि, इसमें आम जनता का सहयोग सबसे ज्यादा जरूरी है। जानकारी के अनुसार, कोरोना वायरस को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों पर बने मंत्री समूह की निगरानी में ये गाइडलाइन लगभग तैयार होने जा रही हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत में कोरोना वायरस को लेकर स्थिति गंभीर बताई जा रही है। अमेरिका और यूके के चिकित्सीय विशेषज्ञों ने दावा किया है कि भारत के लिए अगले दो सप्ताह सबसे ज्यादा गंभीर हैं। एक अध्ययन में ये भी दावा किया है कि भारत के लिए कोरोनो से जंग अगले कुछ सप्ताह या महीनों तक लड़ी जा सकती है।
हालांकि, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के वैज्ञानिक इससे साफ इंकार कर चुके हैं। चीफ साइंटिस्ट डॉ. रमन गंगाखेड़कर बताते हैं कि भारत अभी भी दुनिया के बाकी देशों की तुलना में काफी बेहतर स्थिति में है। 21 दिन के लॉक डाउन से काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सकेगा। आईसीएमआर के अध्ययन में भी ये साबित हो चुका है।
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