राष्ट्रपति बोले, पॉक्सो एक्ट के दोषियों को दया याचिका अधिकार ना मिले- प्रेस रिव्यू
भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि पॉक्सो (Protection of Children from Sexual Offences) एक्ट के अंतर्गत दोषियों के पास दया याचिका का अधिकार न हो. राष्ट्रपति के इस बयान को राष्ट्रीय सहारा ने पहले पन्ने पर जगह दी है.
अख़बार के अनुसार महिलाओं के साथ बढ़ती हिंसा पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि 'बेटियों के साथ होने वाली आसुरी प्रवृत्तियों ने सभी को झकझोर कर रख दिया है.'
अख़बार लिखता है कि राष्ट्रपति कोविंद शुक्रवार को राजस्थान के सिरोही में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने गए थे.
इस दौरान राष्ट्रपति ने कहा, ''पॉक्सो एक्ट के तहत बलात्कार के दोषियों को मिलने वाली दया याचिका का अधिकार समाप्त होना चाहिए.''
राष्ट्रपति ने कार्यक्रम में कहा, ''महिलाओं की सुरक्षा देश के लिए गंभीर मुद्दा है. पॉक्सो अधिनियम के तहत बलात्कार के दोषियों को दया याचिका दायर करने के अधिकार से वंचित करना चाहिए. संसद को दया याचिका पर पुनर्विचार करना चाहिए.''
हैदराबाद मामले पर अलग-अलग अख़बारों की सुर्खियां
देश को झकझोर देने वाले हैदराबाद रेप और उसके बाद उसके चारों अभियुक्तों की एक कथित पुलिस एनकाउंटर में हुई मौत को लगभग सभी अख़बारों ने अपनी प्रमुख ख़बर बनाया है.
हैदराबाद में महिला डॉक्टर के रेप और मर्डर केस पर अमर उजाला लिखता है, "पुलिस का इंसाफ़, हैदराबाद में हैवानियत." वहीं इसी ख़बर पर राष्ट्रीय सहारा लिखता है, "अपनी करतूत से मारे गए दंरिदे."
जनसत्ता इसी ख़बर को कवर करते हुए लिखता है, "सोशल मीडिया पर कहीं समर्थन तो कहीं सवाल. नवभारत टाइम्स ने "एनकाउंटर पर जश्न और सवाल" नाम से सुर्खी लगाई है.
संकट से बाहर आया बैंकिंग सेक्टरः पीएम मोदी
हिंदुस्तान ने प्रधानमंत्री मोदी के उस बयान को प्रमुखता से प्रकाशित किया है जिसमें उन्होंने कहा कि भारतीय बैंकिंग सेक्टर संकट से बाहर निकल आया है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि सरकार के सुधार के उपायों से यह संभव हुआ है. उन्होंने बैंकिंग कर्मचारियों से बिना किसी डर के कारोबारी फै़सले लेने की अपील भी की है.
उन्होंने ये भी कहा, "सरकार बैंकिंग कर्मचारियों को असहाय नहीं छोड़ सकती, सरकार उनकी ज़िम्मेदारी लेगी, मैं ज़िम्मेदारी लेता हूं." प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17वीं हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में बोल रहे थे.
बढ़ सकती हैं जीएसटी की दरें
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की ख़बर के मुताबिक़ जीएसटी दरों में वृद्धि हो सकती है. अख़बार के मुताबिक़ जीएसटी काउंसिल जल्द ही जीएसटी की बेस स्लैब को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 9-10 प्रतिशत कर देगी.
इसके अलावा 12 प्रतिशत वाले स्लैब को 18 प्रतिशत जीएसटी स्लैब से मिलाने की बात भी कही गई है. इससे 243 तरह के उत्पादों पर 12 प्रतिशत के बदले 18 प्रतिशत की जीएसटी लगेगी.
इन बदलावों से उपभोक्ताओं को ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे लेकिन सरकार को एक लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा.
नेटफ़्लिक्स पर मिलेगा ज़्यादा भारतीय कॉन्टेंट
हिंदुस्तान टाइम्स की एक ख़बर के मुताबिक़ नेटफ्लिक्स अगले साल ज्यादा भारतीय कॉन्टेंट पेश करने के लिए 3,000 करोड़ रुपये खर्च करेगा.
अख़बार ने नेटफ़्लिक्स के सह संस्थापक और सीईओ रीड हेस्टिंग्स के उस बयान को पहले पन्ने पर प्रकाशित किया है जिसमें वो कह रहे हैं कि ऑनलाइन इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में कंपीटिशन बढ़ने के चलते उनकी कंपनी ने ये क़दम उठाया है.
रीड हेस्टिंग्स भी 17वीं हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में बोल रहे थे. उन्होंने इस समिट में कहा, "हम हिंदी में लोकल कॉन्टेंट यहां तैयार कर रहे हैं. आपको काफी कुछ नया देखने को मिला. हमने मुंबई में भी 100 लोगों को हायर किया है. हमारी कोशिश कॉन्टेंट ऑफ़रिंग में ज्यादा भारतीय कंटेंट पेश करने की है."
पांच साल में सबसे कम हुआ उपभोक्ताओं का भरोसा
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक ख़बर में बताया गया है कि बाज़ार पर उपभोक्ताओं का भरोसा बीते पांच साल में सबसे नीचे चला गया है.
इस ख़बर में आरबीआई के कंज़्यूमर कॉन्फ़िडेंस सर्वे के हवाले से बताया है कि नवंबर, 2019 में उपभोक्ताओं का भरोसा 85.7 मापा गया है जबकि सितंबर में यही आंकड़ा 89.4 था.
यह गिरावट आर्थिक सुस्ती और रोज़गार को लेकर बढ़ती चिंताओं के चलते दर्ज हुई हैं. आरबीआई का यह सर्वे देश के 13 शहरों के 5,334 परिवारों के बीच किया गया है.
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