बाल आयोग का सुझाव, सभी दुष्कर्मियों की एचआइवी जांच कराई जाए
राजस्थान राज्य बाल अधिकारिता आयोग ने राज्य सरकार को सुझाव दिया है कि दुष्कर्म के दोषियों की एचआइवी जांच कराना आवश्यक किया जाए।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान राज्य बाल अधिकारिता आयोग ने राज्य सरकार को सुझाव दिया है कि दुष्कर्म के दोषियों की एचआइवी जांच कराना आवश्यक किया जाए। इसके लिए पुलिस को निर्देश दिए जाने चाहिए। आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने बताया कि आयोग इस बारे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री भंवरलाल मेघवाल से आग्रह करेगा।
बेनीवाल का कहना है कि पिछले दिनों कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें दुष्कर्म का आरोपित एचआइवी रोग से पीड़ित था। दुष्कर्म के बाद में पीड़िता भी एचआइवी की चपेट में आ गई। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं सामने आना खतरनाक है।
एचआइवी रोगी ने नाबालिग से दुष्कर्म किया तो पीड़िता भी चपेट में आई
आयोग ने प्रदेश के सभी जिलों में बाल अधिकारों को लेकर कार्यशाला आयोजित करने का निर्णय लिया है। दरअसल, इसी साल एक जुलाई को जयपुर में नाबालिग से दुष्कर्म का मामला सामने आया। इसमें जिस बच्ची के साथ दुष्कर्म किया गया, वह एचआइवी पॉजिटिव निकली।
इसकी मेडिकल रिपोर्ट काफी पहले आ गई थी, लेकिन बच्ची के माता-पिता एचआइवी पॉजिटिव का मतलब नहीं समझ पाए थे और रिपोर्ट अपने घर में रख दी थी। अब हैदराबाद में महिला वेटनरी डॉक्टर के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना सामने आने के बाद जयपुर की बच्ची के माता-पिता से उसके रिश्तेदारों ने बात की और रिपोर्ट देखी तो सामने आया कि बच्ची एचआइवी पीडि़त हो गई। बच्ची के एचआइवी पॉजिटिव होने की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने जेल में बंद दुष्कर्म के आरोपित का मेडिकल टेस्ट कराया, तो वह भी पॉजिटिव निकला। आरोपित का नाम जीवाणु है।
शर्मा को मानवाधिकार आयोग का कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया
जस्टिस महेश चंद्र शर्मा को राज्य मानवाधिकार आयोग का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। जस्टिस शर्मा वर्तमान में आयोग के सदस्य हैं। अध्यक्ष जस्टिस प्रकाश टाटिया ने पिछले दिनों व्यक्तिगत कारणों के चलते पद से इस्तीफा दे दिया था। शर्मा को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर गृह विभाग ने गुरुवार को आदेश जारी किए हैं।