गुजरात के पूर्व मंत्री हरेन पांड्या की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को 10 दोषियों को दी गई सजा बरकरार रखने का फैसला सुनाया है. इस मामले में दोषियों के आरोप से दाखिल की गईं पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज करते हुए कोर्ट ने यह फैसला सुनाया. बता दें कि 2003 में गुजरात के तत्कालीन मंत्री की हत्या कर दी गई थी. मामले में दोषी करार दिए गए 12 लोगों में से 10 ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी.
Haren Pandya murder case: Supreme Court has dismissed review petitions filed against its July 5 judgement by which it had upheld the conviction of an accused in former Gujarat Home Minister Haren Pandya murder case in 2003. pic.twitter.com/CbrjJzgJDf
— ANI (@ANI) November 21, 2019
जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस विनीत की बेंच ने पुनर्विचार खारिज कर दी. बेंच ने अपने फैसले में कहा कि पुनर्विचार याचिकाओं में जिस आदेश की समीक्षा की अपील की गई थी, उसमें कोई गलती नहीं है.इसलिए पुनर्विचार याचिका खारिज की जाती है.
सुप्रीम कोर्ट ने 12 आरोपियों को दिया था दोषी करार
सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के पूर्व गृह मंत्री हरेन पांड्या की 2003 में गोली मारकर हत्या मामले में निचली अदालत के फैसले को बहाल करते हुए 12 लोगों को दोषी करार दिया था. 26 मार्च 2003 को अहमदाबाद में पांड्या की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. सीबीआई के अनुसार, राज्य में 2002 के सांप्रदायिक दंगों का बदला लेने के लिए पांड्या की हत्या कर दी गई थी.
हत्या में मामले में कौन दोषी करार?
मामले में असगर अली, मोहम्मद रऊफ, मोहम्मद परवेज अब्दुल कयूम शेख, परवेज खान पठान उर्फ अतहर परवेज, मोहम्मद फारूक उर्फहाजी फारूक, शाहनवाज गांधी, कलीम अहमदा उर्फ कलीमुल्लाह, रेहान पुथवाला, मोहम्मद रियाज सरेसवाला, अनीज माचिसवाला, मोहम्मद यूनुस सरेसवाला और मोहम्मद सैफुद्दीन को दोषी करार दिया गया था.