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दिव्यांगों को नहीं दी नियम के मुताबिक सीट, दिल्ली HC का AIIMS को नोटिस

दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को एम्स को नोटिस जारी किया है. हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी जिसमें आरोप लगाया गया कि पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्सेज में दिव्यांगों को उनके कोटे की पूरी सीट एम्स नहीं दे रहा है. 

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दिल्ली हाई कोर्ट
दिल्ली हाई कोर्ट

  • दिव्यांगों को उनके कोटे की पूरी सीट नहीं दे रहा AIIMS
  • हाई कोर्ट में याचिका पर अगली सुनवाई 21 जनवरी को

दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को नोटिस जारी किया है. हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी जिसमें कहा गया था कि पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्सेज में दिव्यांगों को उनके कोटे की पूरी सीट एम्स नहीं दे रहा है. मामले की सुनवाई अब 21 जनवरी को होगी.

जनहित याचिका में आरोप लगाया गया कि विकलांगों को नियम के हिसाब से 5 फीसदी आरक्षण देना जरूरी है, लेकिन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जैसा बड़ा अस्पताल कानून का पालन नहीं कर रहा है.

दिव्यांगों के लिए 5 फीसदी आरक्षण

याचिका में यह भी कहा गया है कि Rights of Persons with Disabilities Act, 2016 के मुताबिक दिव्यांगों को 5 फीसदी आरक्षण देना सरकार ने अनिवार्य कर दिया है.

साल 2016 में लागू हुए एक्ट के बाद से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने पोस्ट ग्रेजुएट के लिए 435 सीट निकाली. नियम के मुताबिक इसमें से 21 सीट दिव्यागों को दी जानी थी, लेकिन एम्स ने सिर्फ एक ही सीट दी.

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मामले की सुनवाई अब 21 जनवरी को होगी. लेकिन उससे पहले एम्स को हाई कोर्ट के नोटिस का जवाब दाखिल करना होगा.

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