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जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पर गृह मामलों की संसदीय समिति की बैठक

गृह मामलों की संसदीय समिति ने कश्मीर मसले पर शुक्रवार को बैठक की. इस बैठक में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के हालात पर चर्चा की गई. बैठक में अधिकारियों ने बताया कि कम्यूनिकेशन के लिए फोन और मोबाइल की लाइन खोल दी गई हैं. जिन नेताओं को हाउस अरेस्ट किया गया हैं, उन्हें जैसे-जैसे स्थिति सामान्य होती जा रही हैं, धीरे-धीरे रिहा किया जा रहा है.

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श्रीनगर में चाक-चौबंदी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच गुजरती छात्राएं (फोटो-PTI)
श्रीनगर में चाक-चौबंदी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच गुजरती छात्राएं (फोटो-PTI)

  • इस बैठक में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के हालात पर चर्चा
  • स्थिति सामान्य होने के साथ हाउस अरेस्ट नेता हो रहे रिहा

गृह मामलों की संसदीय समिति ने कश्मीर मसले पर शुक्रवार को बैठक की. इस बैठक में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के हालात पर चर्चा की गई. बैठक में अधिकारियों ने बताया कि कम्यूनिकेशन के लिए फोन और मोबाइल की लाइन खोल दी गई हैं. जिन नेताओं को हाउस अरेस्ट किया गया हैं, उन्हें जैसे-जैसे स्थिति सामान्य होती जा रही हैं, धीरे-धीरे रिहा किया जा रहा है.

सूत्रों ने बताया कि बीजेपी सांसदों की तरफ से ये कहा गया कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की स्थिति पर रोज-ब-राज चर्चा नहीं की जा सकती है.

लेकिन समिति के अध्यक्ष ने कहा कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख अब केंद्र शासित प्रदेश हो गए हैं और गृह मंत्रालय के पास उनके प्रशासनिक अधिकार हैं. इसलिए समिति की बैठक में चर्चा की जा सकती है. इसके बाद बैठक में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की स्थिति को लेकर चर्चा हुई.

बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि था 5 अगस्त को संविधान के अनुच्छेद 370 और 35 ए को हटाकर संसद ने सरदार वल्लभभाई पटेल के 'अधूरे सपने' को पूरा करने का काम किया है. इसकी वजह से राज्य आतंकवादियों के लिए एक प्रवेश द्वार बन गया था.

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जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को समाप्त करने के लिए 70 साल का समय लगा. अमित शाह ने कहा कि पटेल ने 550 रियासतों का भारत में विलय करवाया, लेकिन जम्मू-कश्मीर के विषय में ऐसा नहीं हो सका था.

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