सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील पर दायर पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया. कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला करने का मौका मिल गया. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि अब यह साबित हो गया है कि राफेल पर संसद का व्यवधान एक दिखावा था.
उन्होंने कहा कि लोगों के कल्याण के लिए समय का बेहतर उपयोग किया जा सकता था. बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस और उसके नेताओं को सुप्रीम कोर्ट ने आज फटकार लगाई जिनके लिए राजनीति राष्ट्रीय हित से ऊपर है. उन्हें राष्ट्र से माफी मांगनी चाहिए.
Supreme Court’s decision to dismiss the review petition on #Rafale is a befitting reply to those leaders and parties who rely on malicious and baseless campaigns.
Today’s decision, yet again, reaffirms Modi sarkar’s credentials as a govt which is transparent and corruption free.
— Amit Shah (@AmitShah) November 14, 2019
Now, it has been proved that disruption of Parliament over #Rafale was a sham. The time could have been better utilised for the welfare of people.
After today's rebuke from SC, Congress and its leader, for whom politics is above national interest must apologise to the nation.
— Amit Shah (@AmitShah) November 14, 2019Advertisement
बीजेपी अध्यक्ष ने आगे कहा कि राफेल पर पुनर्विचार याचिका को खारिज करने का सुप्रीम कोर्ट का निर्णय उन नेताओं और पार्टियों के लिए एक करारा जवाब है जो दुर्भावनापूर्ण आधारहीन अभियानों पर भरोसा करते हैं. आज का फैसला फिर से मोदी सरकार की साख को एक सरकार के रूप में पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त बताता है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को राफेल सौदा मामले में जांच की मांग वाली समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया. न्यायमूर्ति एस.के. कौल ने आदेश पढ़ते हुए कहा कि समीक्षा याचिका अयोग्य है.
सुप्रीम कोर्ट ने दसॉ एविएशन से संबद्ध राफेल मामले की जांच के लिए प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग वाली याचिका खारिज कर दिया.
कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ चल रहे अवमानना मामले को भी खत्म कर दिया और कहा कि एक महत्वपूर्ण राजनीतिक व्यक्ति के तौर पर राहुल गांधी को भविष्य में और सतर्क रहना होगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबंध में राहुल गांधी के 'चौकीदार चोर है' बयान देने पर उनके खिलाफ अवमानना मामले की जांच शुरू कर दी गई थी.
भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस.के. कौल और न्यायमूर्ति के.एम. जोसफ की पीठ ने कहा कि राजनीति में महत्वपूर्ण व्यक्ति के तौर पर राहुल गांधी को भविष्य में कोर्ट का हवाला देते हुए ऐसे बयान देते समय और सतर्क होना चाहिए, जो कोर्ट के आदेश का हिस्सा ही नहीं था.