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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बनी पेंटिग्स में बढ़ी दिलचस्पी, लोगों में छिड़ी बहस

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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बनी पेंटिग्स में बढ़ी दिलचस्पी, लोगों में छिड़ी बहस

AI_Painting
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पिछले साल एक पेंटिंग 31 लाख रुपए में बिकी थी. इस बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स (AI) से बनीं पेटिंग्स (Artificail Intellig ...अधिक पढ़ें

    वॉशिंगटन. कलाकार (Artist) की खूबी ये होती है कि उसके अंदर कला की प्रतिभा नैसर्गिक (Natural Talent) होती है. चित्रकारों में जैसे मकबूल फिदा हुसैन (Indian Painter Maqbool Fida Hussain) . ऐसे कलाकारों की पेंटिंग्स के कद्रदान भी कम नहीं. उनकी मशहुर पेंटिंग 'स्प्रींक्लिंग होर्सेस' साढ़े सात करोड़ (MF Hussain Sprinkling Horses Painting Price) रुपए में बिकी थी. अब उसी आर्ट गैलेरी में मशीन की बनाई ( Paintings from Machine Learning) पेंटिंग बिक रहीं है. पिछले साल एक पेंटिंग 31 लाख रुपए में बिकी थी. इस बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स (AI) से बनीं पेटिंग्स (Artificail Intelligence work of Painting) की दोबारा बोली लगाई जा रही है.

    न्यूयॉर्क में नीलामी के लिए रखीं दो पेंटिंग इन दिनों कौतुहल का विषय हैं. यह पेंटिंग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस निर्मित कलाकृतियों में बढ़ती रुचि को दर्शाती करती हैं. एक ऐसी तकनीक जो कलाकृतियों को देखने और बनाए जाने के सारे नियम बदल रही है. इन्हें लेकर विज्ञान और कला की दुनिया में तीखी बहस छिड़ी हुई है.

    कला जगत पिछले साल जब एक AI पेंटिंग $ 432,500 में बेची गई तब स्तब्ध रह गया था. इससे उत्साहित नीलामकर्ता कंप्यूटर निर्मित कलाकृतियों के बाजार का और दोहन करने को उत्सुक थे. सोथबी ने गुरुवार को बिक्री के लिए फ्रांसीसी कला सामूहिक ओब्लास्ट द्वारा दो पेंटिंग लगाईं, जिसमें "ले बारोन डी बेलामी" भी शामिल है.



    यूरोपीय क्लासिक शैली का चित्र "एडमंड बेलामी के पोर्ट्रेट" के रूप में एक ही श्रृंखला का हिस्सा है, जो 2018 में क्रिस्टी में सबसे कम अनुमान से 60 गुना अधिक में बिकी. पेंटिंग 'जेनेरिक एडवरसियर नेटवर्क' या जीएएन (GAN) नामक तकनीक का उपयोग करके बनाई गई थी.

    GAN में एक ही शैली के हजारों चित्रों को कंप्यूटर में तब तक फीड किया जाता है जब तक कि मशीन यह निष्कर्ष नहीं निकाल लेती है कि इससे उसी शैली का एक नया चित्र बन जाएगा. नीलामीकर्ताओं ने "ले बैरन" की कीमत 14 लाख से 21 लाख रुपए के लगभग आंकी थी.

    "एडमंड बेलामी के पोर्ट्रेट" की बिक्री से पता चलता है ऐसी कलाकृतियों की बाजार में मांग है. न्यूयॉर्क में बिटफॉर्म गैलरी के मालिक स्टीवन सैक्स कहते हैं कि उनके लिए काम करने वाले एक कलाकार राफेल लोज़ानो-हेमर, पहले ही एक AI कलाकृति से लगभग चाढ़े चार करोड़ रुपए कमा चुके हैं.

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    यूरोपीय क्लासिक शैली का चित्र "एडमंड बेलामी के पोर्ट्रेट" के रूप में एक ही श्रृंखला का हिस्सा है, जो 2018 में क्रिस्टी में सबसे कम अनुमान से 60 गुना अधिक में बिकी


    लोज़ानो-हेमर के काम की खास बात यह है कि वो हर दर्शक के परिपेक्ष्य से कलाकृति बना सकते हैं. हेमर अपने दर्शकों के हिसाब से रियल टाइम डेटा एकत्रित कर कलाकृतियों में परिवर्तन करते हैं.

    दुनिया भर में अपने काम का प्रदर्शन करने वाले अन्य प्रमुख एआई कलाकारों में जर्मनी के मारियो क्लिंगमैन और तुर्की में जन्मे रिफिक अनादोल शामिल हैं. क्लिंगेमैन भी पोर्ट्रेट बनाते है, कभी-कभी नकल से बचने के लिए जानबूझकर इनपुट को बदल दिया जाता है. एनाडोल एब्सट्रैक्ट डेटाबेस एनिमेशन के जरिए कलाकृतियां बनाने के लिए वीडियो का उपयोग करते हैं.

    लोगों का मानना है कि यह दूसरों की नकल करता है जबकि AI कलाकार ऐसा महसूस नहीं करते. उन्हें लगता हैं कि उनकी बनाई पेंटिंग AI की क्षमता का सही प्रतिनिधित्व नहीं करतीं. AI की मदद से ये केवल नकल नहीं कर रहे. ये कुछ या बना रहे होते हैं.

    कुछ लोगों का कहना है कि इंसान अपनी कलाकृतियों में कैसा भाव, रंग या प्रभाव देना है खुद तय करता है. जबकि AI ऐसा नहीं कर पाता. कुछ लोग इस धारणा को स्पष्ट करने के लिए भी आलोचना करते हैं कि एआई मानव हस्तक्षेप के बिना कला के कार्यों का निर्माण कर सकता है. बहस जारी है. उनके मतभेदों के बावजूद, वे सभी सहमत हैं कि AI चित्रों के लिए बाजार बढ़ रहा है.

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