भारतीय गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के बूते बांग्लादेशी टीम महज 150 रन पर ही सिमट गई। मोमिनुल हक का टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला उस वक्त गलत साबित हुआ, जब 30 रन पर ही उनके तीन खिलाड़ी पवेलियन लौट गए। टीम अंत तक उबर नहीं पाई।
पहले बल्लेबाजी करते हुए बांग्लादेश की टीम की तरफ से कोई भी बल्लेबाज बड़ी पारी नहीं खेल पाया और एक के बाद एक पवेलियन लौटता रहा। बांग्लादेश की तरफ से मुश्फिकुर रहीम ने सर्वाधिक 43 रन बनाए। बांग्लादेश के आखिरी 5 विकेट 10 रन के अंदर गिरे, जबकि उनके 6 बल्लेबाज दहाई के आंकड़े तक भी नहीं पहुंच सके। वहीं भारत की तरफ से मोहम्मद शमी ने सर्वाधिक तीन और इशांत-अश्विन-उमेश ने दो-दो विकेट चटकाए।
छठे ही ओवर में उमेश यादव ने पहला झटका दिया। ओवर की आखिरी गेंद पर उमेश ने इमरुल को रहाणे के हाथों कैच करवाया। इससे पहले कि मेहमान टीम संभल पाती उन्हें अगले ही ओवर में इशांत शर्मा ने भी करारा झटका दे दिया। इशांत ने सातवें ओवर की आखिरी गेंद पर शादमान इस्लाम (6) को विकेटकीपर ऋधिमान साहा के हाथों कैच करवाया।
दो विकेट गिरने के बाद मोहम्मद मिथुन ने कप्तान मोमिनुल के साथ मिलकर पारी को आगे बढ़ाना शुरू किया और कुछ रन भी जोड़े, लेकिन 18वें में शमी ने इस साझेदारी को तोड़ दिया। ओवर की आखिरी गेंद पर शमी ने मिथुन को 13 रन के स्कोर पर एलबीडब्ल्यू आउट किया।
अश्विन ने मोमिनल हक को 37 और फिर महमूदुल्लाह को 10 रन पर बोल्ड किया। इसी के साथ अश्विन ने घरेलू मैदान पर सबसे तेज 250 विकेट लेने के मामले में श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन की बराबरी कर ली। दोनों स्पिनर ने 42 टेस्ट में यह कारनामा किया। अश्विन ने इस मामले में भारत के पूर्व कप्तान अनिल कुंबले (41 टेस्ट) को पीछे छोड़ दिया।
शमी ने मुश्फीकुर रहीम (43) को बोल्ड किया और फिर अगली ही गेंद पर मेहदी हसन मिराज को एलबीडब्ल्यू किया। यह दोनों विकेट 140 के कुल स्कोर पर ही गिरे। रहीम ने संघर्ष करते हुए 105 गेंदों का सामना किया और चार चौकों सहित एक छक्का लगाया।