- Hindi News
- National
- Property Will Be Linked To Aadhaar
आधार से लिंक होगी प्राॅपर्टी; जमीन, मकान की खरीद-फरोख्त में फर्जीवाड़ा रोकने में आसानी होगी
- कॉपी लिंक
- देश में पहली बार संपत्ति स्वामित्व का मॉडल कानून बनेगा, ड्राफ्ट तैयार; जल्द कैबिनेट में आएगा
- आपकी प्रॉपर्टी से कब्जा हटाना या मुआवजा देना सरकार की जिम्मेेदारी होगी, आधार लिंक नहीं कराया तो सरकार जिम्मेदारी नहीं लेगी
नई दिल्ली (शरद पाण्डेय). अचल संपत्ति के स्वामित्व के लिए अब उसे आधार से लिंक कराना होगा। केंद्र सरकार पहली बार संपत्ति स्वामित्व के लिए कानून ला रही है। ड्राफ्ट तैयार है। 5 सदस्यों की एक्सपर्ट कमेटी भी बन चुकी है, जो राज्यों से समन्वय करेगी। जमीन से जुड़े मामले राज्यों के अधिकार क्षेत्र में हैं, इसलिए केंद्र मॉडल कानून बनाकर राज्यों को देगा। 19 राज्यों में एनडीए की सरकारें हैं। संभव है कि ज्यादातर में कानून लागू हो जाएगा। इससे संपत्ति की खरीद-फरोख्त में फर्जीवाड़ा रुकेगा। बेनामी संपत्तियों का भी खुलासा होगा।
जो व्यक्ति अचल संपत्ति आधार से लिंक कराएगा, उसकी संपत्ति पर कब्जा होता है तो उसे छुड़ाना सरकार की जिम्मेदारी होगी या फिर सरकार मुआवजा देगी। आधार लिंक नहीं कराने पर सरकार जिम्मेदारी नहीं लेगी।
संपत्ति से जुड़े केस 5 साल में निपटाने के लिए ट्रिब्यूनल और हाईकोर्ट में स्पेशल बेंच बनेंगी
देशभर की अदालतों में संपत्ति विवाद से जुड़े 1.30 करोड़ मुकदमे लंबित हैं। इस वजह से कुल जीडीपी का करीब 1.3% हिस्सा संपत्ति में लॉक है। मुकदमे जल्द खत्म हों, इसके लिए ड्राफ्ट में कुछ प्रावधान बनाए गए हैं। सभी केस अदालतों से ट्रिब्यूनल और अपील ट्रिब्यूनल में ट्रांसफर किए जाएंगे। हर हाईकोर्ट में एक स्पेशल बेंच बनाई जाएगी। सभी मुकदमे निपटाने के लिए 5 साल का समय निर्धारित किया गया है। एक्सपर्ट कमेटी के एक सदस्य ने बताया कि आधार लिंक कराना वैकल्पिक होगा। अगर लोग चाहते हैं कि सरकार उनकी संपत्ति की गारंटी ले तो आधार लिंक कराना ही होगा।
नए मॉडल कानून के फायदों के बारे में वो सबकुछ, जो आप जानना चाहते हैं
सवाल- स्वामित्व की प्रक्रिया क्या होगी?
जवाब- रजिस्ट्रार ऑफिस में खसरा नंबर के आधार पर टाइटल (स्वामित्व) जनरेट कराना होगा। इसे आधार से लिंक कराएं।
सवाल- अभी क्या व्यवस्था है?
जवाब- जमीन विवाद में खुद ही मालिकाना हक साबित करना पड़ता है। सिर्फ कागजात के आधार पर रजिस्ट्री होती है। खरीद-बिक्री के समय दोनों पक्षों में क्या शर्तें तय हुईं, सरकार अभी इसकी गारंटी नहीं लेती।
सवाल- आगे क्या व्यवस्था होगी?
जवाब- सरकार जमीन के स्वामित्व की गारंटी लेगी। रजिस्ट्री भी स्वामित्व स्थापित कराने के बाद होगी। सरकार खरीद-बिक्री की शर्तेँ जांचेगी। संपत्ति पर किसी का कब्जा है तो उसे खाली कराना या मुआवजा देना सरकार की जिम्मेदारी होगी।
जमीन का रिकाॅर्ड अपडेट होगा। इससे कोई संपत्ति अगर आधी भी बेची जाती है तो रजिस्ट्री होते ही रिकाॅर्ड अपडेट हो जाएगा। {बायोमैट्रिक से घर बैठे ही संपत्ति बेच सकेंगे। लेकिन, रजिस्ट्री में एक महीने का समय लगेगा।
सवाल- नया कानून लागू कैसे होगा?
जवाब- दो तरीकों से। पहला- इन्क्रीमेंटल यानी बेचते समय या ट्रांसफर होते समय आधार लिंक होगा। दूसरा- जिलावार लागू कराया जा सकता है।
सवाल- संपत्ति मालिक को क्या फायदा होगा?
जवाब- धोखाधड़ी की गुंजाइश नहीं बचेगी। अवैध कब्जों से सुरक्षा मिलेगी। लैंड टाइटल कराने पर आसानी से लोन मिलेगा। जमीन संबंधी कानूनी मदद के लिए सिंगल विंडो होगी। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर लेने वाले पहचाने जाएंगे।
सवाल- सरकार को कैसे फायदा होगा?
जवाब- संपत्ति की सूचनाएं पारदर्शी होंगी। मालिक और संपत्ति संबंधी सूचनाएं रियल टाइम अपडेट होंगी। संपत्ति से जुड़े मुकदमे कम होंगे, क्योंकि आधार से लिंक के बाद जांच आसान होगी। योजना या नीति बनाने के लिए सटीक आंकड़े उपलब्ध होंगे। सरकार का दखल भी घटेगा।