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गुरु नानकदेव के 550वें प्रकाशोत्सव की तैयारियां, अकाल तख्त ने सिखों से की ये अपील

इस साल 12 नवंबर को गुरु नानक देव का 550वां प्रकाशोत्सव मनाया जा रहा है. इसी के मद्देनज़र सिखों की संस्था श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से दुनियाभर में रह रहे सिखों से उत्सव में जुड़ने की अपील की गई है. साथ ही 1 नवंबर से 12 नवंबर तक रोज मूल मंत्र का उच्चारण करने की मांग की है.

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अमृतसर में बड़े स्तर पर होगा कार्यक्रम (फाइल)
अमृतसर में बड़े स्तर पर होगा कार्यक्रम (फाइल)

  • अकाल तख्त की दुनियाभर के सिखों से अपील
  • नवंबर में रोजाना करें मूल मंत्र का उच्चारण
  • 12 नवंबर को है गुरु नानक देव का प्रकाशोत्सव

सिखों के सर्वोच्च गुरु नानक देव के प्रकाश उत्सव की तैयारियां पूरी दुनिया में चल रही हैं. इस साल 12 नवंबर को गुरु नानक देव का 550वां प्रकाशोत्सव मनाया जा रहा है. इसी के मद्देनज़र सिखों की संस्था श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से दुनियाभर में रह रहे सिखों से उत्सव में जुड़ने की अपील की गई है. साथ ही 1 नवंबर से 12 नवंबर तक रोज मूल मंत्र का उच्चारण करने की मांग की है.

12 नवंबर को गुरु नानक देव का प्रकाश उत्सव मनाया जाएगा. इससे पहले अकाल तख्त की ओर से 1 से 12 नवंबर तक रोजाना शाम 5 बजे, 10 मिनट तक मूल मंत्र ‘एक ओंकार’ का जाप करने की अपील की है.

akal_102319022015.jpgअकाल तख्त ने की ये अपील...

क्या है सिखों का मूल मंत्र?

एक ओंकार सतनाम, कर्तापुरख, निर्मोह निर्वैर, अकाल मूरत, अजूनी सभं. गुरु परसाद॥

॥ जप ॥

आद सच, जुगाद सच, है भी सच, नानक होसे भी सच ॥

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देश में भी चल रही है बड़ी तैयारी

बता दें कि गुरु नानक देव के 550वें प्रकाशोत्सव के अवसर पर पूरे देश में जोरों की तैयारी चल रही है. अमृतसर में इस दिन बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा , साथ ही राजधानी दिल्ली में भी गुरुद्वारा कमेटी की ओर से बड़ी तैयारियां की गई हैं.

खुल रहा है करतारपुर कॉरिडोर

वहीं इसी अवसर पर पाकिस्तान में स्थित करतारपुर गुरुद्वारा साहिब का रास्ता भी खुलने जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत की ओर से करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे, साथ ही पहले जत्थे को रवाना करेंगे. पाकिस्तान की ओर से भी 9 नवंबर को इसका उद्घाटन किया जाएगा. भारत और पाकिस्तान से साथ मिलकर इस कॉरिडोर का निर्माण कराया है. गुरु नानक देव अपने जीवन के अंतिम दिनों में करतारपुर में ही रुके थे, यही कारण है कि सिखों के लिए ये पवित्र जगह है.

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