शांतिपूर्ण रैली निकाल रहे लोगों पर पुलिस का लाठीचार्ज; 2 की मौत, 80 से ज्यादा घायल

5 वर्ष पहले
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मुजफ्फराबाद में रैली निकालते प्रदर्शनकारी और वहां तैनात पुलिसबल। - Dainik Bhaskar
मुजफ्फराबाद में रैली निकालते प्रदर्शनकारी और वहां तैनात पुलिसबल।
  • पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के लोगों ने मंगलवार को आजादी की मांग करते हुए एक रैली निकाली
  • 22 अक्टूबर 1947 को पाकिस्तानी सेना कश्मीर के इस इलाके में जबरन घुस आई थी
  • इसके बाद से ही पीओके के लोग इस दिन को ‘ब्लैक डे’ के तौर पर याद करते हैं

मुजफ्फराबाद. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में मंगलवार को शांतिपूर्ण रैली निकाल रहे लोगों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इसमें 2 नागरिकों की मौत हो गई जबकि 80 से ज्यादा घायल हो गए। पीओके में इस रैली का आयोजन स्वतंत्र राजनीतिक पार्टियों के संगठन ऑल इंडीपेंडेंट पार्टीज अलायंस (एआईपीए) ने किया था। इसका मकसद पीओके के लोगों की आजादी की मांग करना था।
 
22 अक्टूबर 1947 को पाकिस्तानी सेना ने जम्मू कश्मीर के इस इलाके में जबरन घुसकर कब्जा कर लिया था। इस हमले की 72वीं वर्षगांठ पर लोगों ने बड़ी संख्या में सड़क पर उतरकर इस घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। राजनीतिक पार्टियों ने इसे इतिहास का काला दिन बताया।
 

हमने शांतिपूर्ण रैली निकालने का फैसला किया था
एक प्रदर्शनकारी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि हमने इस दिन के लिए शांतिपूर्ण ढंग से रैली निकालने का फैसला किया था। हालांकि हमने यह भी तय किया था कि यदि प्रशासन कोई उग्र रवैया अपनाता है तो हमारी कोशिश होगी कि हमारी आवाज जरूर लोगों तक पहुंचे।
 

पिछले साल भी कई इलाकों में प्रदर्शन हुआ था
पीओके और गिलगिट बालिस्तान के निवासियों की लंबे समय से मांग है कि पाकिस्तान उनके क्षेत्र को छोड़ दे। पिछले साल 22 अक्टूबर को इसी तरह का प्रदर्शन मुजफ्फराबाद, रावलकोट, कोटली, गिलगिट, रावलपिंडी और कुछ और क्षेत्रों में भी किया गया था। 
 


 
 
 

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