करते हुए इस संदेश पर खत्म होती है कि तकदीर है क्या, मैं क्या जानूं, मैं आशिक हूं तदबीरों का। तकदीर यानी किस्मत और तदबीर यानी मेहनत के बीच चलती इस लव स्टोरी में तमाम और किरदार हैं और ये दूसरी, तीसरी कतार के किरदार ही हैं जो आपको आखिर तक फिल्म देखने के लिए रोके रहते हैं। नहीं तो फिल्म जगह जगह पर गोते खाने लगती है। फौजियों के घर में पैदा हुई जोया का जन्म भारतीय क्रिकेट टीम के वर्ल्ड कप जीतने वाले दिन होता है तो उसका पिता उसे लकी मान लेता है। लेकिन, बेटी के बड़े होने तक वह उससे लकी चार्म का ये टैग...
खैर, कहानी के बाद बात इसके निर्देशन की। अभिषेक ने सोनम कपूर की दर्शकों से बात कराकर और फिल्म की शुरूआत शाहरुख खान की आवाज से कराकर माहौल जमाने की कोशिश भरपूर की है। सोनम कपूर को फुटेज भी खूब दिया है। सोनम जितनी मेहनत कर सकती थीं, वह परदे पर दिखती भी है। अदाकारी करने का प्रयास जब कैमरे में कैद होने लगे तो मामला सुनील शेट्टी जैसा होने में देर लगती नहीं है। फोर्थ वॉल भी जोया के इस किरदार को ज्यादा सपोर्ट दे नहीं पाती। दुलकर ने जरूर अच्छा काम किया है और कुछ कुछ विराट कोहली जैसे लगते दुलकर ने जोया...
हर किसी को मुंबई में इन दिनों एक किताब चाहिए। पढ़ने के लिए कम और फिल्म बनाने के लिए ज्यादा। फिर किताब अभी की हो, दशक भर पुरानी हो या किसी और जमाने की। बिना ज्यादा दिमाग लगाए निर्माता बस किसी न किसी बेस्टसेलर को परदे पर उतारने की होड़ में हैं। इसी होड़ का नतीजा है, क्रिकेट और कमर्शियल फिल्मों का 11 साल पहले आए उपन्यास द जोया फैक्टर में किस्मत कनेक्शन कराने वाली कहानी पर बनी सोनम कपूर और दुलकर की फिल्म द जोया फैक्टर। करते हुए इस संदेश पर खत्म होती है कि तकदीर है क्या, मैं क्या जानूं, मैं आशिक हूं...
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
स्रोत: NDTV India - 🏆 6. / 63 और पढो »
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »
स्रोत: News18 India - 🏆 21. / 51 और पढो »
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »
स्रोत: BBC News Hindi - 🏆 18. / 51 और पढो »
स्रोत: Dainik Jagran - 🏆 10. / 53 और पढो »