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55% लड़कियां दे रही हैं ये 'कुर्बानी', इन 4 राज्यों में हालात सबसे मुश्किल

देश में स्कूल जाने वाली बच्चियों की हालत बहुत अच्छी नहीं हैं. ये बच्चियां स्कूल जाने के बजाय घर के कामों में लगी रहती हैं. घर के लिए पैसे कमाती हैं. साथ ही घर में छोटे बच्चों का ख्याल रखती हैं. बड़ी मुश्किल से ही प्राइमरी स्कूल तक जा पाती हैं.

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14 साल की उम्र से पहले ही दो तिहाई बच्चियां स्कू्ल छोड़ देती हैं. (फोटो-विकिमीडिया)
14 साल की उम्र से पहले ही दो तिहाई बच्चियां स्कू्ल छोड़ देती हैं. (फोटो-विकिमीडिया)

  • स्कूल छोड़ने वाली 90% लड़कियों को करना होता है घरेलू काम
  • 25% बच्चियां ज्यादा दूरी के कारण नहीं जा पाती हैं स्कूल

सरिता (काल्पनिक नाम) सिर्फ 14 साल की है. हफ्ते में 2 या 3 दिन ही स्कूल जा पाती है. उससे पूछो कि क्या बनना चाहती है तो अपने किताब में बनी रॉकेट की तस्वीर दिखाते हुए कहती है कि वैज्ञानिक बनना है. लेकिन फिर उसके चेहरे पर मायूसी छा जाती है. क्योंकि वह हर रोज स्कूल नहीं जा पाती. पिता मजदूर हैं. बड़ी मुश्किल से घर चलाते हैं. उसे अपने दो छोटे भाई-बहनों का ख्याल रखना पड़ता है. इसलिए कभी-कभार ही स्कूल जाना हो पाता है. ये कहानी सिर्फ एक बच्ची की नहीं है. ऐसी कई बच्चियां हैं देश में जो स्कूल नहीं जा पाती. यही नहीं उनके माता-पिता भी मजबूरी में उन्हें स्कूल नहीं भेज पाते.

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देश में स्कूल जाने वाली बच्चियों की हालत बहुत अच्छी नहीं हैं. ये बच्चियां स्कूल जाने के बजाय घर के कामों में लगी रहती हैं. घर के लिए पैसे कमाती हैं. साथ ही घर में छोटे बच्चों का ख्याल रखती हैं. बड़ी मुश्किल से ही प्राइमरी स्कूल तक जा पाती हैं. देश में स्कूल जाने वाली बच्चियों में से 76 फीसदी और स्कूल छोड़ने वाली बच्चियों में से 90 फीसदी बच्चियां घरेलू कामों में शामिल होती हैं. स्कूल छोड़ने वाली हर चार लड़कियों में से एक बच्ची घर के लिए पैसे कमाती है. और हर दस में से एक लड़की घर में छोटे बच्चों का ख्याल रखती हैं.

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ये खुलासा हुआ है गैर सरकारी संस्थान चाइल्ड राइट्स एंड यू (CRY)  की रिपोर्ट एजुकेटिंग द गर्ल चाइल्ड में. CRY ने देश के चार हिस्सों से चार राज्य चुने. ये हैं बिहार, आंध्र प्रदेश, गुजरात और हरियाणा. इन सभी राज्यों के 20-20 गांवों का अध्ययन किया गया. साथ ही इन गांवों के जिलों में अध्ययन किया गया.

आइए जानते हैं कि इस चौंकाने वाली रिपोर्ट में और क्या-क्या खुलासे हुए....

  1. 14 साल की उम्र से पहले ही दो तिहाई बच्चियां स्कू्ल छोड़ देती हैं. सिर्फ 58 फीसदी बच्चियां ऐसी होती हैं जो अपर प्राइमरी लेवल तक जा पाती हैं.
  2. स्कूल जाने वाली बच्चियों में से 49.4 फीसदी उन परिवारों से हैं जिनकी आय 5 हजार रुपए प्रति माह या उससे कम है.
  3. स्कूल छोड़ने वाली सभी बच्चियों में से 89 प्रतिशत लड़कियों के परिवारों की मासिक आय 10 हजार या उससे कम है.
स्कूल छोड़ने वाली बच्चियों के माता-पिता आखिर उनसे कराना क्या चाहते हैं....

1. शादी कराना चाहते हैं

बिहार में स्कूल छोड़ने वाली सभी बच्चियों में से 20 फीसदी बच्चियों के माता पिता उनकी जल्दी शादी कराना चाहते हैं. गुजरात में यह दर 3.9%, आंध्र प्रदेश में 21.2% और हरियाणा में 11.7% है.

2. घरेलू कामों में लगा देना

गुजरात में स्कूल छोड़ने वाली बच्चियों में से 95.4% बच्चियों के माता-पिता उन्हें घर के कामों में व्यस्त कर देते हैं. हरियाणा में यह दर 81.7%, आंध्र प्रदेश में 72.7% और बिहार में 60% है.

3. छोटे भाई-बहनों का ख्याल रखना

हरियाणा में स्कूल छोड़ने वाली कुल बच्चियों में से 20% बच्चियों के माता-पिता उन्हें घर पर छोटे भाई-बहनों का ख्याल रखने के लिए कह देते हैं. गुजरात में यह दर 16.9%, आंध्र प्रदेश में 12.1% और बिहार में 16.9% है.

4. घरेलू व्यवसाय में मदद करना

गुजरात में स्कूल छोड़ने वाली कुल बच्चियों में से 64.6% बच्चियों के माता-पिता उन्हें घरेलू व्यवसाय में लगा देते हैं. आंध्र प्रदेश में यह दर 30.3%, हरियाणा में 18.3% और बिहार में 14.3% है.

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5. घर के बाहर काम करना

आंध्र प्रदेश में स्कूल छोड़ने वाली कुल बच्चियों में से 30.3% बच्चियों के माता-पिता उन्हें घर से बाहर काम में लगा देते हैं. ताकि घर की आमदनी बढ़े. गुजरात में यह दर 7.7%, बिहार में 7.1% और हरियाणा में 5 फीसदी है.

6. घर पर खाली बैठना

बिहार में स्कूल छोड़ने वाली कुल बच्चियों में से 28.6% बच्चियों के माता-पिता उन्हें घर में खाली बिठा देते हैं. गुजरात में यह दर 27.7 फीसदी है. हरियाणा में 18.3% और आंध्र प्रदेश में 6.1% है.

7. वोकेशनल ट्रेनिंग देना

हरियाणा में स्कूल छोड़ने वाली कुल बच्चियों में से 13.3% बच्चियों के माता-पिता उन्हें वोकेशनल ट्रेनिंग में लगा देते हैं. गुजरात में यह दर 5.4% है. आंध्र प्रदेश और बिहार में जीरो.

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स्कूल छोड़ने का फैसला क्यों और किसने लिया?

1. 54% लड़कियों ने खुद स्कूल छोड़ने का फैसला किया

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स्कूल छोड़ने का फैसला करने वाली लड़कियों में से 54% ने स्कूल छोड़ने का फैसला खुद लिया. गुजरात में 61%, हरियाणा में 53%, आंध्र प्रदेश में 42% और बिहार में 40% लड़कियों ने स्कूल छोड़ने का फैसला खुद किया.

2. 21% लड़कियों को पैसे की कमी से छोड़ना पड़ा स्कूल

देश भर में स्कूल छोड़ने वाली लड़कियों में से 21% लड़कियों ने पैसे की कमी से स्कूल छोड़ने का फैसला किया. आंध्र प्रदेश में 61%, बिहार में 51%, हरियाणा में 18% और गुजरात में 4% लड़कियों ने पैसे की कमी से स्कूल छोड़ दिया.

3. 55.1% लड़कियों को छोटे भाई-बहनों का ख्याल रखना होता है

देश भर में स्कूल छोड़ने वाली लड़कियों में से 55.1% लड़कियों को छोटे भाई-बहनों का ख्याल रखने के लिए स्कूल छोड़ना पड़ता है. आंध्र प्रदेश में 69.7%, गुजरात में 67.7%, हरियाणा में 33.3% और बिहार में 31.5% लड़कियों ने इसी कारण स्कूल छोड़ती हैं.

4. 25.2% लड़कियां स्कूल इसलिए छोड़ती हैं क्योंकि स्कूल दूर होता है

देश भर में स्कूल छोड़ने वाली लड़कियों में से 25.2% लड़कियां स्कूल दूरी की वजह से स्कूल छोड़ देती हैं. गुजरात में 33.8%, आंध्र प्रदेश में 21.2%, हरियाणा में 16.7% और बिहार में 11.4% लड़कियां इसीलिए स्कूल छोड़ देती हैं.

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5. 17.4% लड़कियां स्कूल इसलिए छोड़ती हैं क्योंकि उन्हें कोई प्रेरणा नहीं मिलती

देश भर में स्कूल छोड़ने वाली लड़कियों में से 17.4% लड़कियां स्कूल इसलिए छोड़ती हैं क्योंकि उन्हें स्कूल जाने के लिए कोई मोटिवेशन नहीं मिलता. गुजरात में 26.2%, बिहार में 14.3%, हरियाणा में 6.7% और आंध्र प्रदेश में 6.1% लड़कियां इसीलिए स्कूल छोड़ती हैं.

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