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पेरिस के शॉपिंग सेंटर में पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने किया कब्जा, पुलिस ने खाली कराया सेंटर

विश्व के 60 शहरों में सोमवार से एक्सटिंक्शन रिबेलियन मूवमेंट शुरू हो रहा है। इस आंदोलन के जरिये जलवायु परिवर्तन को लेकर चेतावनी दी जा रही है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Sun, 06 Oct 2019 09:52 PM (IST)Updated: Sun, 06 Oct 2019 09:52 PM (IST)
पेरिस के शॉपिंग सेंटर में पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने किया कब्जा, पुलिस ने खाली कराया सेंटर
पेरिस के शॉपिंग सेंटर में पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने किया कब्जा, पुलिस ने खाली कराया सेंटर

पेरिस, एएफपी। जलवायु परिवर्तन पर सरकारों की उदासीनता के खिलाफ सोमवार को शुरू हो रहे वैश्विक आंदोलन के पहले ही पेरिस के एक शॉपिंग सेंटर में सैकड़ों पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने कब्जा कर लिया। दक्षिण-पूर्व पेरिस में स्थित इटैली-2 शापिंग सेंटर पर शनिवार रात जमा हुए कार्यकर्ताओं की पुलिस और दुकानदारों की झड़पें भी हुईं। जबरन घुसे कार्यकर्ताओं ने शापिंग सेंटर के रास्ते मेज और कुर्सियों से बंद कर दिए और दुकानों में अपने बैनर लगा दिए। जिन पर लिखा था 'पूंजीवाद को जलाओ, पर पेट्रोल नहीं।'

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सुरक्षाबलों ने कार्यकर्ताओं को पहले तो रास्ता खोलने और सेंटर से निकलने को कहा, लेकिन कोई असर न होने पर वे अंदर दाखिल हो गए। पुलिस ने कार्यकर्ताओं को समझाने की काफी कोशिशें कीं, लेकिन वे नहीं माने। आखिरकार, तड़के चार बजे कार्यकर्ता खुद ही बाहर आ गए। बता दें कि विश्व के 60 शहरों में सोमवार से एक्सटिंक्शन रिबेलियन मूवमेंट शुरू हो रहा है। इस आंदोलन के जरिये जलवायु परिवर्तन को लेकर चेतावनी दी जा रही है। एक्सटिंक्शन रिबेलियन मूवमेंट एक तरह से अहिंसक आंदोलन है। इसके तहत भारत, ब्यूनस आयर्स, केपटाउन और वेलिंगटन में प्रदर्शन होना है।

एक्सटिंक्शन रिबेलियन की वेबसाइट में कहा गया है कि 'हमने जलवायु और पारिस्थितिकी आपातकाल की घोषणा की है। दुनिया की सरकारों ने इसके लिए अभी तक कुछ नहीं किया है।' एक्सटिंक्शन रिबेलियन की स्थापना पिछले साल ब्रिटेन में शिक्षाविदें ने की थी और यह सबसे तेजी से बढ़ने वाला पर्यावरण आंदोलन बन गया है। प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि सरकारें जलवायु और पारिस्थितिकी आपातकाल की घोषणा करे और 2025 तक ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन शून्य करें।

आंदोलन में 'येलो वेस्ट' प्रदर्शनकारी भी शामिल

पर्यावरण कार्यकर्ताओं के आंदोलन के दौरान शापिंग मार्केट में 'येलो वेस्ट' और सरकार विरोधी आंदोलनकारी भी शामिल हो गए। 'येलो वेस्ट' आंदोलन फ्रांस में तेल की बढ़ती कीमतों के विरोध में शुरू हुआ था। बाद में इस आंदोलन के तहत राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों सरकार की नीतियों का विरोध और उनके इस्तीफे की मांग भी की जाने लगी थी।


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