गणतंत्र दिवस पर राजधानी में हिंसा और अराजकता के लिए किसान नेता जिम्मेदार हैं। पुलिस को अंधेरे में रखकर दिल्ली में ट्रैक्टर लेकर घुसे किसानों ने कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाई। दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर परेड के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं के साथ छह दौर की वार्ता के बाद तीन रूट तय किए थे। सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बार्डर से दिल्ली की सड़कों पर ट्रैक्टर परेड के लिए तीनों रूट भी खुद किसान संगठनों ने दिए थे, मगर किसान नेता उपद्रवियों को रोकने में नाकाम रहे। कहीं भी ऐसा दिखाई नहीं दे रहा था कि...
तीनों रूट पर ट्रैक्टर परेड में व्यवस्था बनाए रखने के लिए पांच हजार कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपने की बात कही थी, लेकिन ये कार्यकर्ता भी कहीं नजर नहीं आए। किसान संगठनों की तरफ से योगेंद्र यादव, बलदेव सिंह राजेवाल, हन्नान मौला, जगजीत सिंह डल्लेवाल, दर्शनपाल, शिवकुमार शर्मा कक्का जी सहित गुरनाम सिंह चढ़ूनी भी इन वार्ताओं में शामिल रहे।26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड निकालने के लिए किसान संगठनों ने दिल्ली पुलिस के साथ अलग-अलग छह दौर की वार्ता में हर बार शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने का...
Nishpaksh Janch hone se pahle hi aapne nirnay sarkar k paksh me suna diya.
सरकार किसानों का कभी भी समर्थन न करें ये लाइव किसानों ने दिखा दिया है सोच समझ कर ही इन पर निर्णय लिया जाए ताकि भविष्य में कोई भी झंडे की तरफ आंख उठा कर न देख सके। कार्रवाई करने की बहुत आवश्यकता है।
बात आपकी सही! पर होत वही जो शाह सोच राखा ! जैसे मोदी ध्यान बाल उगवान् दाढी उगवान् पर लगवा राखा !! चाणक्य खुद को चंद्र गुप्त मोदी को सिद्ध ए तरहां कर राखा !!!
सरकार द्वारा बदनामी से बचने के लिए बरती जा रही अति सहिष्णुता देश का भला नही कर सकती। बेड़ा गर्क होजायेगा देश का। गुंडो को बेरहमी से कुचलना होगा हर कीमत पर। अब 2024 तक ये शाहीनबागो वाला सिलसिला नही रुकेगा। बदनामी काहे की जनता सब देख रही है।120 करोड़ लोग इनकी पिटाई देखना चाहते है।
dalal media jimmedar hai....
अगर राजधानी में हुई हिंसा के जिम्मेदार किसान नेता हैं तो इस हिंसा के जन्मदाता सरकार है जो 2 महीनों से इन्हें मरने के लिए छोड़ दिया। कई किसान की अकाल मृत्यु हुई इसका दोषी कौन? इस आंदोलन के उपाय न सोचेने वाले सरकार दोषी है.. Kisan
Farmers with weapons, create ruckus that headlines be such that Modi Govt could be surrounded. Now country is watching as truth is in front of everyone. Shameful. It can't be farmers attacking police with sword Congress makes violence Shamless congress job
जय जवान गद्दार किसान।
गुलाम सोच वाले गोदी मीडिया सरकार भी बराबर की ज़िमेदार हैं। सरकार ने भी तो कानून ना वापिस लेने की जिद्द कर रखी हैं।
आज कांग्रेस का दिल खुश हुआ होगा उनकी जो मंशा थी पृरी हुई लाल_किला
Permission kisne diya kisano ko uski bhi responsibility h....
सब हिंसा के लिए किसान नेता जिम्मेवार है ... दिल्ली पुलिस से बकायदा वचन भी दिया गया था.
All political parties, farmer leaders, journalist who support this movement which turns lately as terrorist attack..
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किसान मुद्दे पर धन्यवाद प्रस्ताव के साथ ही चर्चा के लिए सरकार-विपक्ष के बीच सहमतिकांग्रेस के नेतृत्व में 19 विपक्षी दलों ने सदन से किसानों के मुद्दे पर बातचीत के लिए धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान ही चर्चा कराने के समय की मांग की थी. इसे लेकर सरकार और विपक्ष में सहमति बन चुकी है. राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने भी इस पर अनुमति दे दी है. मोदिजी का डर इतना भयानक रूप ले सकता यह दिख रहा है पूरे लूटेरा opposition पार्टी और विदेशी की फटी पड़ी है।
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