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कैबिनेट ने लिए 2 बड़े फैसलेः रेलवे कर्मियों को बोनस, ई-सिगरेट पर बैन

नवभारतटाइम्स.कॉम | 18 Sep 2019, 04:55:29 PM

कैबिनेट ने बड़े फैसले लेते हुए रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों की सैलरी के बराबर बोनस का ऐलान किया। इसके साथ ही ई-सिगरेट को पूरी तरह से बैन करने का फैसला लिया।

हाइलाइट्स

  • रेलवे कर्मचारियों के लिए बोनस का ऐलान, 78 दिनों की सैलरी के बराबर मिलेगा बोनस
  • 11 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को इसका फायदा मिलेगा, लगातार छठे वर्ष दिया जा रहा है बोनस
  • रेलवे कर्मियों को इस बोनस पर सरकारी खजाने से 2,024 करोड़ रुपये खर्च होंगे
  • सरकार ने ई-सिगरेट को भी किया पूरी तरह से बैन, उल्लंघन पर जेल और जुर्माने का प्रावधान
सरकार ने ई-सिगरेट के उत्पादन और आयात पर लगाया प्रतिबंध
नई दिल्ली
केंद्र सरकार ने रेल कर्मियों को दिवाली का तोहफा दिया है। सरकार ने रेलवे कर्मचारियों के लिए बोनस का ऐलान कर दिया है। इसका फैसला केंद्रीय कैबिनेट की बुधवार को हुई बैठक में हुआ। इस मीटिंग में एक और अहम फैसला ई-सिगरेट को लेकर किया गया। सरकार ने ई-सिगरेट पर संपूर्ण पाबंदी लगाने का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इन दोनों प्रमुख फैसलों पर मुहर लगाई गई।
बोनस पर 2,024 करोड़ होंगे खर्च
केंद्र सरकार ने त्योहारों से पहले रेलवे कर्मचारियों के लिए बोनस का ऐलान किया है। इसके तहत, रेलवे कर्मचारियों को 78 दिन के वेतन के बराबर बोनस दिया जाएगा। 11 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को इसका फायदा मिलेगा। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पहली बार लगातार छठे वर्ष रेलवे कर्मचारियों को बोनस दिया जा रहा है। बोनस देने में सरकारी खजाने पर 2,024 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।

ई सिगरेट बैन
कैबिनेट के लिए फैसले से वाकिफ कराने के लिए बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि सरकार ने ई-सिगरेट को बैन कर दिया है। उन्होंने बताया कि ई-सिगरेट के उपयोग, उत्पादन, बिक्री, भंडारण को पूरी तरह बैन कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों में भी इसका चलन तेजी से बढ़ रहा था।

सिगरेट पर पाबंदी क्यों नहीं, मंत्री ने बताया
सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से जब पूछा गया कि सरकार सिगरेट पर भी बैन क्यों नहीं लगा रही है, जो ई-सिगरेट से भी ज्यादा नुकसानदेह है तो उन्होंने कहा कि अभी इसकी (ई-सिगरेट की) लत नई है, इसलिए सरकार ने इसे शुरुआत में ही रोकने का फैसला किया है। सरकार ने साफ किया है कि ई-हुक्का पर भी बैन लगा है। पहला गुनाह करने पर आरोपी को 1 साल की सजा या एक लाख का जुर्माना या दोनों हो सकती है जबकि दूसरी बार पकड़े जाने पर 5 लाख तक जुर्माना या 3 साल की कैद या दोनों हो सकती है। इसलिए ई-सिगरेट पर रोककेंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि आज सही समय पर कदम उठाया गया है जिससे ई-सिगरेट के चलन को बढ़ने से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि दुनिया में क्या हो रहा है, इसकी पृष्ठभूमि है, लेकिन भारत के रिसर्च इंस्टिट्यूट्स ने इस पर अनुसंधान किया है। एम्स, टाटा और बाकी प्रमुख संस्थानों और डॉक्टरों ने इसकी सिफारिश की थी। टेक्निकल कमिटी ने इसकी पूरी जांच की इसके बाद ही मंत्रिमंडल के पास आया।
क्‍या है e-cigarette
ई-सिगरेट बैटरी से चलने वाले ऐसी डिवाइस है जिनमें लिक्विड भरा रहता है। यह निकोटीन और दूसरे हानिकारक केमिकल्‍स का घोल होता है। जब आप कश लगाते हैं तो हीटिंग डिवाइस इसे गर्म करके भाप (vapour) में बदल देती है। इसीलिए स्‍मोकिंग नहीं, vaping (वेपिंग) कहा जाता है।

पारंपरिक सिगरेट जैसा ही नुकसान
आजकल देखा गया है कि लोग आम सिगरेट की जगह ई-सिगरेट (e-cigarette) पीने लगे हैं। उनका मानना है कि धुंआ देने वाली सिगरेट की जगह यह इलेक्‍ट्रॉनिक सिगरेट कम नुकसानदायक है और सेहत को कम नुकसान पहुंचती है, पर असलियत इससे अलग है। ई-सिगरेट भी सेहत पर बुरा असर डालती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी कहा था कि इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट से पारंपरिक सिगरेट जैसा ही नुकसान होता है।
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