अलीगढ़ रेलवे स्टेशन पर एक मुस्लिम परिवार को पीटने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि पीड़ित पक्ष कन्नौज से अलीगढ़ आ रहा था। स्टेशन पर करीब 25 लोगों ने उनके साथ मारपीट की। जीआरपी के अधिकारियों ने बताया कि घायलों को अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में एडमिट कराया गया है। पीड़ित परिवार के मुताबिक, आरोपी एक ही संगठन के थे। उन्होंने अपने गले में एक जैसा गमछा व आईडी कार्ड डाल रखा था। वहीं, जीआरपी का कहना है कि पीड़ितों के बयान दर्ज कर लिए गए हैं, जिसके आधार पर कार्रवाई की जा रही है।

पुलिस पर मदद नहीं करने का आरोप: पीड़ित परिवार का कहना है कि जिस वक्त यह घटना हुई। रेलवे स्टेशन पर कार्यरत एक पुलिसकर्मी वहीं मौजूद था। वह घटना का वीडियो बनाता रहा। साथ ही, मूकदर्शक बनकर तमाशा देखता रहा। जिस वक्त आरोपी हमें जमीन पर गिराकर पीट रहे थे, उसने हमें बचाने की कोशिश नहीं की।

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कई लोगों को लगीं गंभीर चोटें: बताया जा रहा है कि मारपीट के बाद जब भीड़ छंट गई, तब पुलिस ने पीड़ित पक्ष को अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में एडमिट कराया। सभी घायलों का इलाज चल रहा है। बता दें कि परिवार के कई सदस्यों को गंभीर चोटें लगी हैं।

जीआरपी ने किया यह दावा: जीआरपी के एक इंस्पेक्टर का दावा है, ‘‘मऊ से आनंद विहार जाने वाली ट्रेन से कुछ यात्री अलीगढ़ आए थे। ट्रेन से उतरने के दौरान हुई कहासुनी ने हिंसक रूप ले लिया। इस घटना में 2 लोग घायल हो गए हैं, जिनका इलाज चल रहा है। पीड़ित परिवार के बयान के आधार पर केस दर्ज कर लिया गया है।’’

AMU के छात्रों ने जताया विरोध: अलीगढ़ रेलवे स्टेशन पर हुई इस घटना को लेकर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के छात्रों ने विरोध जताया। छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष ने इस मामले में अलीगढ़ के धर्म समाज महाविद्यालय का हाथ होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हम इस तरह की विचारधारा के खिलाफ हैं। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों व एसएसपी से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

छात्र संघ के अध्यक्ष ने कही यह बात: छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘आज यह घटना अलीगढ़ में हुई है, लेकिन कल इस तरह की घटनाओं से पूरा देश जलेगा। इस देश के कुछ लोग हिटलर के नक्शेकदम पर चल रहे हैं और वे देश की वैसी ही हालत करना चाहते हैं, जैसा हिटलर के कार्यकाल के दौरान जर्मनी हो गया था।’’