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भारत को जीएसपी कार्यक्रम में शामिल करें, 44 अमेरिकी सांसदों ने ट्रंप को लिखा पत्र

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वाशिंगटन Published by: शिल्पा ठाकुर Updated Wed, 18 Sep 2019 08:59 AM IST
सार

  • अमेरिक के 44 सांसदों ने ट्रंप प्रशासन को पत्र लिखा है।
  • इसमें भारत को जीएसपी सूची में शामिल करने को कहा गया है।
  • पत्र में कहा है कि इससे अमेरिकी कंपनियों को नुकसान हो रहा है।
  • इस पत्र में  26 डेमोक्रेट्स और 18 रिपब्लिकन सासंदों ने हस्ताक्षर किए हैं।

44 American law makers wrote letter to Trump to reinstate GSP for Indiaw
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप - फोटो : फाइल फोटो
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अमेरिका में 44 सांसदों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को खत लिखकर कहा है कि भारत को फिर से जीएसपी कार्यक्रम में शामिल किया जाए, ताकि दोनों देशों के बीच व्यापारिक समझौते आसानी से हो सकें।



सांसदों ने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटहाइजर को लिखे पत्र में कहा है कि भविष्य को ध्यान में रखते हुए हमें अपने उद्योगों के लिए बाजारों की उपलब्धता सुनिश्चित करानी होगी। कुछ छोटे मुद्दों की वजह से इस पर असर नहीं पड़ना चाहिए। 

अमेरिका को भी नुकसान

कांग्रेस (संसद) सदस्य जिम हाइम्स और रॉन एस्टेस की तरफ से लिखे पत्र में  26 डेमोक्रेट्स और 18 रिपब्लिकन सासंदों ने हस्ताक्षर किए हैं। कोलिशन फॉर जीएसपी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डैन एंथनी का कहना है कि भारत से जीएसपी दर्जा छीने जाने के बाद से ही अमेरिकी कंपनियां संसद को नौकरियों और आमदनी के नुकसान के बारे में बता रही हैं।

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एंथनी के अनुसार, भारतीय निर्यातकों की हालत जीएसपी हटने के बाद भी बेहतर है, जबकि अमेरिकी कंपनियों को प्रतिदिन दस लाख डॉलर (सात करोड़ रुपये) नए टैरिफ के तौर पर चुकाने पड़ रहे हैं। नए आंकड़ों के अनुसार, अकेले जुलाई में ही अमेरिकी कंपनियों को तीन करोड़ डॉलर (214 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ है।
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अमेरिका का जीएसपी कार्यक्रम क्या है ? 

अभी तक भारत जीएसपी के तहत सबसे बड़ा लाभार्थी देश माना जाता था, लेकिन ट्रंप प्रशासन की यह कार्रवाई नई दिल्ली के साथ उसके व्यापार संबंधी मुद्दों पर सख्त रवैये को दिखा रही है। जीएसपी को विभिन्न देशों से आने वाले हजारों उत्पादों को शुल्क मुक्त प्रवेश की अनुमति देकर आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया था। बता दें कि साल 2017 में जीएसपी के तहत भारत ने अमेरिका को 5.6 अरब डॉलर से अधिक का कर-मुक्त निर्यात किया था।
 

भारत को इस सूची से क्यों बाहर किया गया?

ट्रंप ने भारत को सूची से बाहर करते हुए कहा था कि उन्हें भारत से यह भरोसा नहीं मिल पाया है कि वह अपने बाजार में अमेरिकी उत्पादों को बराबर की छूट देगा। उन्होंने कहा था कि भारत में पाबंदियों की वजह से अमेरिका को व्यापारिक नुकसान हो रहा है। भारत जीएसपी के मापदंड पूरे करने में नाकाम रहा है। अमेरिका ने पिछले साल अप्रैल में जीएसपी के लिए तय शर्तों की समीक्षा शुरू की थी। जिसके बाद ये फैसला किया गया था। 

ट्रंप से इसपर चर्चा करेंगे मोदी 

माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी दौरे के समय जीएसपी पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से चर्चा कर सकते हैं। ऐसे में संभावना है कि दोनों नेता इस दौरान लंबे समय से विवाद का कारण बने व्यापारिक मुद्दों पर समझौते भी करेंगे।
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