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मानवाधिकारों पर ऑडिट हुआ तो अंतिम आएगा पाकिस्तान: जयशंकर

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: संदीप भट्ट Updated Wed, 18 Sep 2019 02:24 AM IST
सार

  • विदेश मंत्री ने कहा, पाक में अल्पसंख्यकों की हालत किसी से छिपी नहीं
  • जाधव को वापस लाने की होगी हर कोशिश
  • भारत-अमेरिका के संबंध हो रहे मजबूत

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External Affairs Minister S Jaishankar takes a veiled jibe at Pakistan over its human rights record
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विस्तार
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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाने वाले पाकिस्तान को आइना दिखाया। जयशंकर ने मंगलवार को पाक में मानवाधिकारों की स्थिति पर तंज कसते हुए कहा कि आज अगर मानवाधिकारों पर ऑडिट होगा तो मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि अंतिम कौन आएगा। दूसरी ओर पाक ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पीओके पर भारत के बयान का संज्ञान लेने का आग्रह किया।



मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 100 दिन में विदेश मंत्रालय की उपलब्धियां गिनाते हुए जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की हालत किसी से छिपी नहीं है। यहां एक देश है जो दूसरे देशों में मानवाधिकारों पर बात करता है। वहां अल्पसंख्यकों के साथ कैसा व्यवहार होता है।


मुझे लगता है कि पिछले 70 सालों में वहां अल्पसंख्यकों की संख्या नाटकीय रूप से कम हुई है। सिंध में जो हो रहा है, वह पहली बार नहीं हुआ। सिख लड़कियों के अपहरण के मामले पहले भी आते रहे हैं। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक लड़कियों के अपहरण और जबरन धर्मांतरण को लेकर मंत्रालय से विभिन्न सामाजिक संगठनों के अलावा सिख संगठनों के प्रतिनिधित्व मिले हैं। हमने इस चिंता को पाकिस्तान सरकार से साझा किया है और इस पर तुरंत कार्रवाई करने को कहा है।  

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जाधव को वापस लाने की होगी हर कोशिश

जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव को जयशंकर ने निर्दोष बताया। उन्होंने कहा कि भारत एक निर्दोष व्यक्ति को स्वदेश लाने की कोशिश कर रहा है। यह कोशिश लगातार जारी रहेगी। राजनयिक पहुंच के माध्यम से हम जाधव का हाल जानना चाहते थे। इस मुलाकात में पता चला कि वह काफी दबाव में हैं। उन्हें रिहा कराने और वापस लाने के लिए हर तरह के प्रयास किए जाएंगे।

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बदल गई विदेश नीति

विदेश मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में देश की विदेश नीति बदल गई है। अब सक्रिय कूटनीति ही हमारी विदेश नीति का प्रमुख अंग है। राष्ट्रीय सुरक्षा को विदेश नीति में शामिल किया गया है। वैश्विक एजेंडा तय करने में देश की भूमिका बढ़ाने की चाहत बढ़ी है। मोदी सरकार की अहम उपलब्धि राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के लक्ष्यों के बीच मजबूत संबंध स्थापित करने है। वैश्विक मंच पर भारत की आवाज अब बेहतर ढंग से सुनी जाती है, चाहे वह जी-20 सम्मेलन हो या जलवायु सम्मेलन।

भारत-अमेरिका के संबंध हो रहे मजबूत

भारत और अमेरिका के संबंधों पर जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के संबंध काफी लंबी दूरी तय कर चुके हैं। भारत-अमेरिका के संबंध लगातार मजबूती से आगे बढ़ रहे हैं। चाहे बुश प्रशासन हो, ओबामा या अब ट्रंप प्रशासन हो। ह्यूटन में पीएम मोदी के कार्यक्रम के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय समुदाय का आमंत्रण स्वीकार किया है। यह बड़े सम्मान की बात है। मौजूदा समय में दोनों देशों के संबंध काफी बेहतर हैं।

पाक ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पीओके पर भारत के बयान का संज्ञान लेने का आग्रह किया

पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पाक अधिकृत कश्मीर पर भारत के बयान को ‘गंभीर संज्ञान’’ लिये जाने का मंगलवार को आह्वान किया। पाकिस्तान ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को भारत के भौतिक अधिकार क्षेत्र में लिये जाने के बारे में भारत के आक्रामक तेवर का ‘गंभीर संज्ञान’’ लिये जाने का अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आह्वान करते हुए कहा कि भारत से इस तरह के ‘गैर जिम्मेदाराना और उग्र’ बयानों से तनाव और बढ़ेगा और इन बयानों से क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा होगा।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि पीओके भारत का हिस्सा है और उम्मीद करते हैं कि एक दिन भारत के भौतिक अधिकार क्षेत्र में होगा। जयशंकर ने इसके साथ ही यह भी कहा कि एक सीमा के बाद इस बात की चिंता करने की जरूरत नहीं है कि कश्मीर पर लोग क्या कहेंगे क्योंकि यह भारत का आंतरिक मामला है और अपने आंतरिक मामलों में भारत की स्थिति मजबूत रही है और मजबूत रहेगी।

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में विदेश मंत्री के तौर पर कार्यभार संभालने के बाद अपने पहले संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत ‘पड़ोस प्रथम’ की नीति को आगे बढ़ा रहा है लेकिन उसके समक्ष एक पड़ोसी की ‘अलग तरह की चुनौती’ है और यह तब तक चुनौती रहेगी जब तक वह सामान्य व्यवहार नहीं करता और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता।

जयशंकर के बयान पर पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘‘हम पाकिस्तान और पीओके के बारे में भारतीय विदेश मंत्री द्वारा दिये गये भड़काऊ और गैरजिम्मेदाराना बयानों की कड़ी निंदा करते हैं और इन्हें खारिज करते हैं।’ बयान में कहा गया कि पाकिस्तान शांति के लिए खड़ा है लेकिन किसी भी तरह की आक्रामकता का कड़ा जवाब देने के लिए तैयार रहेगा।
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