RCEP में शामिल नहीं होगा भारत, घरेलू उद्योगों के हित में लिया फैसला

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सरकार ने घरेलू हितों को देखते हुए RCEP से किया किनारा

बैंकॉक में आरसीईपी समिट को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आरसीईपी की कल्पना करने से हजारों साल पहले भारतीय व्यापारियों, उद्यमियों और आम लोगों ने इस क्षेत्र के साथ संपर्क स्थापित किया था. सदियों से इन संपर्कों और संबंधों ने हमारी साझा समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया.

उन्होंने कहा कि हमारे किसानों, व्यापारियों और उद्योगों का काफी कुछ दांव पर है. कर्मचारी और उपभोक्ता हमारे लिए समान रूप से महत्वपूर्ण हैं. पीएम ने कहा कि आज जब हम आरसीईपी के 7 वर्षों के वार्ता को देखते हैं तो वैश्विक आर्थिक और व्यापार परिदृश्य सहित कई चीजें बदल गई हैं. हम इन परिवर्तन को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं. मौजूदा आरसीईपी समझौता आरसीईपी की मूल भावना को पूरी तरह से प्रतिबिंबित नहीं करता है.

दरअसल आरसीईपी एक ट्रेड अग्रीमेंट है जो कि सदस्य देशों को एक दूसरे के साथ व्यापार में कई सहूलियत देगा. इसके तहत निर्यात पर लगने वाला टैक्स नहीं देना पड़ेगा या तो बहुत कम देना होगा. इसमें आसियान के 10 देशों के साथ अन्य 6 देश हैं.RCEP में भारत के शामिल होने के खिलाफ किसान देशभर में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. खासकर किसान संगठनों कड़ी आपत्ति जता रहे थे.

समिति के संजोयक वीएम सिंह का कहना है कि मौजूदा समय छोटे किसानों की आय का एकमात्र साधन दूध उत्पादन ही बचा हुआ है, ऐसे में अगर सरकार ने आरसीईपी समझौता किया तो डेयरी उद्योग पूरी तरह से तबाह हो जायेगा और 80 फीसदी किसान बेरोजगार हो जाएंगे. भारत ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वह निष्पक्ष और पारदर्शी करार में ही शामिल होगा. बैंकॉक में चल आसियान शिखर सम्मेलन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी ओपनिंग स्पीच में भी आरसीईपी का जिक्र नहीं किया था. उन्होंने केवल वर्तमान व्यापार समझौतों में सुधार की बात ही की थी.जानकार कहते हैं कि आरसीईपी समझौता होने से भारतीय बाजार में चीनी सामान की बाढ़ आ जाती. चीन का अमेरिका के साथ ट्रेड वॉर चल रहा है जिससे उसे नुकसान उठाना पड़ रहा है.

 

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Good

Sayad Modi ji Ko sahia kimat nahi de paye China wale

Great

Congress k karan liya..

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के द्वारा लिया गया निर्णय अच्छी है इससे घरेलू उघोग को नुक्सान नहीं होगा।

Manufacturing sector or industry will not get modernise due to this decision.

गोदी मिडिया कहता है कि मोदी भारत की चिंताओं को लेकर दृढ़ हैं और घरेलू उद्योगों के हित को लेकर कोई भी समझौता नहीं करने का फैसला लिया है.देशहित में मोदी सरकार ने आरसीईपी ने किया किनारा? सच तो यह है कि देश भर में हो रहे विरोध के कारण किनारा कर लिया है. वोटबैंक सबको प्रिय है।

Good..

अब कांग्रेस कैसे विलाप करेगी?

बेहतरीन निर्णय । स्वागत ।

सही निर्णय, इससे हमारा घरेलू उधोग बचा रहेगा, जब उन उधोगो मे अग्रणी हो जाएगे जिनमे हम अभी कमजोर हैं जैसे स्टील, डेयरी आदि मे तो हम इसमे शामिल होने लायक हो जाएगें |

अच्छा निर्णय

चाइना नाम के देतय से भारत के उद्योग को बचाने के लिए 👍

😂😂

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