New MV Act 2019: ट्रैफिक चालान गलत लगे तो जुर्माना भरना जरूरी नहीं, इस तरह दे सकते हैं चुनौती
यदि किसी को लगता है कि उसका गलत चालान बना है तो उसे तत्काल भरने की जरूरत नहीं उसे कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।
ग्वालियर,[विकास पांडे ]। मोटर व्हीकल एक्ट में तगड़े जुर्माने के प्रावधान ने इन दिनों लोगों के होश उड़ा रखे हैं लेकिन आपको घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इस एक्ट ने जनता को भी कुछ विशेष अधिकार दिए हैं। दरअसल, जानकारी के अभाव में लोग इसका इस्तेमाल नहीं करते और चालान कटवा लेते हैं। यदि किसी को लगता है कि उसका गलत चालान बना है तो उसे तत्काल भरने की जरूरत नहीं, उसे कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।
यदि किसी के पास लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन हैं लेकिन अन्य दस्तावेज नहीं हैं तो कोई चालान नहीं बना सकता। मूल दस्तावेज दिखाने के लिए 15 दिन का समय मिलेगा, इतना ही नहीं मोबाइल पर भी सॉफ्ट कॉपी के रूप में दस्तावेज दिखाए जा सकते हैं।
डिजी लॉकर में रखें दस्तावेज
ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन या अन्य दस्तावेज की हार्ड कॉपी साथ रखने की बजाय आप डिजिटल लॉकर में भी ये दस्तावेज रख सकते हैं। आप मोबाइल पर इन दस्तावेजों को ट्रैफिक पुलिस या परिवहन अफसरों को दिखा सकते हैं। उन्हें इसे मान्य करना होगा।
ये हैं सामान्य नियम
- सहायक उपनिरीक्षक स्तर का पुलिस अधिकारी ही आपसे जुर्माना (समझौता शुल्क) वसूल सकता है।
- कांस्टेबल या हेड कांस्टेबल केवल रोककर चालानकर्ता अधिकारी के समक्ष उपस्थित होने के लिए कह सकता है। - वाहन की चाबी गाड़ी से निकालना नियम विरुद्ध माना जाता है। कोर्ट में दस्तावेज दिखाने पर जुर्माना हो सकता है माफ
- आपके पास यदि ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन, बीमा आदि दस्तावेज नहीं हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है। यदि यातायात पुलिस आपका चालान करती है तो उसे कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। दस्तावेज दिखाने पर जुर्माना माफ भी हो सकता है, क्योंकि यातायात पुलिस कोर्ट नहीं है, वह केवल समझौता शुल्क वसूलती है, इसे बोलचाल में जुर्माना कह दिया जाता है।
रात में नहीं हो सकती चेकिंग
- मोटर व्हीकल एक्ट के अंतर्गत यातायात पुलिस को सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही वाहनों की जांच का अधिकार है। इसके बाद वह किसी वाहन की जांच या समझौता शुल्क नहीं वसूल कर सकती है।
(अशोक निगम, सेवानिवृत्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के मुताबिक)
जाने- कब पुलिस कर सकती है वाहन जब्त
यदि केवल लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन कार्ड नहीं है तभी पुलिस वाहन को जब्त कर सकती है। यदि कोई कंपाउंडिंग (समझौता शुल्क) नहीं भरना चाहते तो आपसे जबरदस्ती नहीं की जा सकती, केवल कोर्ट चालान बनाया जा सकता है। दस्तावेज दिखाने के लिए समय भी मिलता है।
- राकेश सिन्हा, सेवानिवृत्त यातायात डीएसपी
जानें- किसे है जुर्माना लगाने का अधिकार
पहले केवल परिवहन विभाग के अधिकारियों, यातायात पुलिस को ही वाहनों की चेकिंग का अधिकार था, लेकिन अब राजस्व अफसरों को भी ये अधिकार दे दिए गए हैं। हालांकि इन तीनों एजेंसियों को जुर्माना करने का स्वतंत्र रूप से कोई अधिकार नहीं है क्योंकि जुर्माना केवल कोर्ट ही लगा सकता है। ये एजेसियां केवल उस स्थिति में समझौता शुल्क वसूल सकती हैं, जबकि वाहन चालक भी इसके लिए तैयार हो।
- एमपी सिंह, जिला परिवहन अधिकारी, ग्वालियर
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