देश में इंजीनियरिंग कॉलेजों में गिरती शैक्षिण गुणवत्ता से चिंतित हुई मोदी सरकार अब तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अटल अकादमी योजना पर और फोकस करने जा रही है. मोदी सरकार ने पिछले वर्ष जयपुर, वडोदरा, त्रिवेंद्रम, गुवाहाटी और चंडीगढ़ में खुली अटल अकादमी से मिले बेहतर नतीजों के बाद अब देश के दस और शहरों में इसे खोलने की तैयारी की है. ये शहर हैं कानपुर, पटना, देहरादून, चेन्नई, बेंगलुरु, श्रीनगर, हैदराबाद, कोलकाता, मुरथल और भोपाल.
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजूकेशन(AICTE) की ओर से आयोजित कार्यक्रम में तकनीकी शिक्षा में अटल अकादमी के महत्व पर चर्चा की. रमेश पोखरियाल निशंक ने देश में स्टार्टअप की जरूरतों पर भी बात की.
क्या है अटल अकादमी
अटल अकादमी का पूरा नाम है एआईसीटीई ट्रेनिंग एंड लर्निंग. इसमें एआईसीटीई(अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद) का ए, ट्रेनिंग का टी और लर्निंग का एल लेकर नाम रखा गया है. तकनीकी शिक्षण संस्थानों, विश्वविद्यालयों में अटल अकादमी खोलकर इनोवेशन को बढ़ावा देने की मंशा है. अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद(AICTE) अटल अकादमी की स्थापना में मदद करता है.
पहले चरण में वडोदरा, जयपुर, गुवाहाटी, त्रिवेंद्रम, जयपुर में अटल अकादमी खोला गया. बताया जाता है कि इस अकादमी में साइबर सिक्योरिटी, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, डेटा साइंस आदि विषयों पर रिसर्च पर जोर दिया जाएगा. वर्ष 2018 में सरकार ने अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर इस तरह की अकादमी खोलने की योजना बनाई थी.
शुरुआती पांच अकादमी से मिले बेहतर नतीजों के बाद अब सरकार ने दस और शहरों में अटल अकादमी खोलने की मांग की है.एआईसीटीई सूत्र बताते हैं कि योजना के मुताबिक योग्य तकनीकी प्राध्यापक, शोधार्थियों को अटल अकादमी से जोड़कर इंजीनियरिंग छात्रों को इनोवेशन(नवाचार) के लिए प्रेरित किया जाएगा.