प्रोन्नति में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ भीम आर्मी के कई सदस्यों ने रविवार को विरोध मार्च निकाला. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि सरकारी सेवाओं में प्रोन्नति में आरक्षण देने के लिए राज्य सरकारें बाध्य नहीं हैं. भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद भी प्रदर्शन मार्च में शामिल हुए, जो मंडी हाउस से शुरू हुआ. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे संसद तक मार्च करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में आरक्षण से जुड़े एक मामले में कहा था कि नियुक्ति और पदोन्नति में आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है, आरक्षण व्यवस्था को बहाल करना राज्य सरकारों के क्षेत्राधिकार में है. इससे पहले कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि भाजपा की अगुवाई उत्तराखंड सरकार द्वारा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को आरक्षण मुहैया किए बगैर राज्य की सार्वजनिक सेवाओं में पदों को भरने की ‘गलती’ को निष्प्रभावी करने के लिए कानून में बदलाव जरूरी है.
उन्होंने रविवार को ट्वीट कर कहा, ‘कांग्रेस के बाद अब भाजपा और इनकी केन्द्र सरकार के अनवरत उपेक्षित रवैये के कारण यहां सदियों से पिछड़े अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के शोषितों पीड़ितों को आरक्षण के माध्यम से देश की मुख्यधारा में लाने का सकारात्मक संवैधानिक प्रयास विफल हो रहा है. यह अति गंभीर और दुर्भाग्यपूर्ण है.’
Mrenge v aarkshan kya 🤣😂😂🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣aarkshan ki bhik
मुफ्तखोरी की हद हे ये आंदोलन हात में संविधान सिर्फ निजी फायदे के लिए चाहिए इन्हें जब इस संविधान से इन्हें कोई आइना दिखता है तो इन्हें उसी से नफरत हो जाती है वो चाहे संविधान से चलने वाले सुप्रीम कोर्ट ही क्यों न हो 😡
मरने के लिए भी लेलो आरक्षण
भीड़ की गुंडागर्दी
वो हर संवैधानिक संस्था के खिलाफ हैं... वो भीड़ इकठ्ठा करके सबको डराना चाहते हैं.. पर कमाल की बात है कि वो फोटो अम्बेडकर का लेके चलते है. 🤔
SupremeCourt माननीय सुप्रीम कोर्ट ने बिल्कुल सत्य और सार्वभौमिक निर्णय लिया है इस पर सख्ती से सरकारों से अमल कराने की आवश्यकता है सभी सरकारों को निर्देश किया जाए इसकी अवहेलना करने पर उनकी सरकार स्वत: ही बर्खास्त समझी जाए वर्तमान लोगों को दोबारा चुनाव लड़ने की आज्ञा नहीं होगी।
बिल्कुल सही कहा है ।
इसी को कहते हे the perfect example थे misuse of freedom of expression freedom of speech इन जैसे लोगों से सरकार को सख़्ती से निपटना चाहिए
Supreme court ko to apna kam karne do bhai.. har chij aapke favor me aisa jaruri thore hi h. Protest karne se achha thora padhai kar lo.
आरक्षण गरीब दलित का है ना कि बौधो का ।
इनकी राजनीति आरक्षण और मुफ्तखोरी से शुरू और खत्म होती है। बाबा साहब के संविधान अनुच्छेद 16/16ए में ये ही लिखा है कि नियुक्ति या पदोन्नति में आरक्षण प्रतिनिधित्व, पिछड़ेपन के आधार पर कार्य क्षमता को प्रभावित किये बिना राज्य द्वारा दिया जा सकता है। अतः ये शर्तो के अधीन है।
Reservation is not injustice. But it should be limited to education, not for jobs & promotions with a pure mentality
सब कुछ आरक्षण से पाओ गे क्या ? भगवान ने जो हाथ पैर दिये उन से कुछ मेहनत भी कर लो। जय हिंद
How can you protest against the supreme court ?
Why don't they ask for reservation in Breathing?
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