राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश को किया संबोधितभारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 71वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित किया और शुभकामनाएं दी। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि लोगों से ही देश बनता है। उन्होंने स्वच्छ भारत अभियान समेत जीएसटी, प्रवासी भारतीय, देश की सेना, ओलंपिक 2020, इसरो और शिक्षा की सराहना की।71वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर, मैं देश और विदेश में बसे, भारत के सभी लोगों को, हार्दिक शुभकामनाएं देता...
बढ़ते हुए जल-संकट का प्रभावी ढंग से सामना करने के लिए ‘जलशक्ति मंत्रालय’ का गठन किया गया है तथा जल संरक्षण एवं प्रबंधन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। मुझे विश्वास है कि ‘जल जीवन मिशन’ भी ‘स्वच्छ भारत अभियान’ की तरह ही एक जन आंदोलन का रूप लेगा। इसी वर्ष टोकियो में ओलंपिक खेल आयोजित होने जा रहे हैं। पारंपरिक रूप से, कई खेलों में, भारत अच्छा प्रदर्शन करता रहा है। हमारे खिलाड़ियों और एथलीटों की नई पीढ़ी ने, हाल के वर्षों में, अनेक खेल प्रतियोगिताओं में देश का नाम ऊंचा किया है। ओलंपिक 2020 की खेल प्रतियोगिताओं में, भारतीय दल के साथ करोड़ों देशवासियों की शुभकामनाओं और समर्थन की ताकत मौजूद रहेगी।
राष्ट्र-निर्माण के लिए, महात्मा गांधी के विचार आज भी पूरी तरह से प्रासंगिक हैं। गांधीजी के सत्य और अहिंसा के संदेश पर चिंतन-मनन करना हमारी दिनचर्या का हिस्सा होना चाहिए। सत्य और अहिंसा का उनका संदेश हमारे आज के समय में और भी अधिक आवश्यक हो गया है। गणतन्त्र दिवस के उत्सव में विदेशी राष्ट्र प्रमुखों को आमंत्रित करने की हमारी परंपरा रही है। मुझे प्रसन्नता है कि इस वर्ष भी, कल के हमारे गणतन्त्र दिवस के उत्सव में, हमारे प्रतिष्ठित मित्र, ब्राज़ील के राष्ट्रपति श्री हायर बोल्सोनारो हमारे सम्मानित अतिथि के रूप में सम्मिलित होंगे।
हमारे संविधान ने, हम सब को एक स्वाधीन लोकतंत्र के नागरिक के रूप में कुछ अधिकार प्रदान किए हैं। लेकिन संविधान के अंतर्गत ही, हम सब ने यह ज़िम्मेदारी भी ली है कि हम न्याय, स्वतंत्रता और समानता तथा भाईचारे के मूलभूत लोकतान्त्रिक आदर्शों के प्रति सदैव प्रतिबद्ध रहें। राष्ट्र के निरंतर विकास तथा परस्पर भाईचारे के लिए, यही सबसे उत्तम मार्ग है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन-मूल्यों को अपनाने से, इन संवैधानिक आदर्शों का अनुपालन हम सबके लिए और भी सरल हो जाता है। ऐसा करते हुए, हम सब, महात्मा गांधी की...
‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन’, अर्थात इसरो, की उपलब्धियों पर हम सभी देशवासियों को बहुत गर्व है। इसरो की टीम अपने ‘मिशन गगनयान’ में आगे बढ़ रही है, और सभी देशवासी, इस वर्ष ‘भारतीय मानव अंतरिक्ष यान कार्यक्रम’ के और तेज गति से आगे बढ़ने की उत्साहपूर्वक प्रतीक्षा कर रहे हैं। उदाहरण के लिए जम्मू-कश्मीर में सुश्री आरिफ़ा जान ने नमदा दस्तकारी को फिर से लोकप्रिय बनाने के लिए, तेलंगाना में सुश्री रत्नावली कोट्टपल्ली ने थेलेसिमिया से प्रभावित लोगों के उपचार के लिए, केरल में श्रीमती देवकी अम्मा ने अपने व्यक्तिगत प्रयास से वन-संपदा उत्पन्न करके, मणिपुर में श्री जामखोजांग मिसाओ ने सामुदायिक विकास के लिए काम करके और पश्चिम बंगाल में श्री बाबर अली ने बचपन से ही कमजोर वर्ग के बच्चों में शिक्षा का प्रसार करने के अपने सराहनीय योगदान से लोगों के जीवन में आशा का संचार किया है। ऐसे...
rashtrapatibhvn PMOIndia मोदी को चाहिए कि भाषण बड़े अक्षरों में लिखवा कर दे, क्यों कि उम्र का तकाजा है कभी पढ़ने में परेशानी हो
rashtrapatibhvn PMOIndia kyo ......?
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