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कर्नाटक में लागू हो सकता है गुजरात मॉडल, कम होगा ट्रैफिक जुर्माना!

गुजरात में बिना हेलमेट पर 1000 रुपये की जगह 500 रुपये का जुर्माना होगा. इसके अलावा अब कार में बिना सीट बेल्ट 1000 रुपये की बजाय 500 रुपये जुर्माना देना होगा.

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फोटो-PTI
फोटो-PTI

  • कर्नाटक में भी हो सकती है ट्रैफिक जुर्माने में कटौती
  • गुजरात मॉडल की स्टडी के बाद सीएम कर सकते हैं लागू

नया मोटर व्हीकल एक्ट राज्य सरकारों को खटक रहा है. ऐसे में वे नए एक्ट में भारी जुर्माने को देखते हुए इसमें बदलाव के मूड में हैं. गुजरात के बाद अब कर्नाटक में भी नए मोटर व्हीकल एक्ट में बदलाव किया जा सकता है. सीएम बीएस येदियुरप्पा गुजरात मॉडल की स्टडी के बाद उसे राज्य में लागू कर सकते हैं.

बता दें कि गुजरात की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार ने केंद्र सरकार के नए मोटर व्हीकल एक्ट में बदलाव करते हुए लोगों को थोड़ी राहत दी है. गुजरात के सीएम विजय रुपाणी ने कहा था कि राज्य में बिना हेलमेट पर 1000 रुपये की जगह 500 रुपये का जुर्माना होगा. इसके अलावा अब कार में बिना सीट बेल्ट 1000 रुपये की बजाय 500 रुपये का जुर्माना होगा. गुजरात सरकार ने यह फैसला आम लोगों को आ रही दिक्कतों के मद्देनजर लिया है.

सरकार नए परिवर्तनों को 16 सितंबर से लागू करेगी. इस नए परिवर्तन के बाद दो पहिया वाहनों और कृषि संबंधित वाहनों के मालिकों को राहत मिलेगी. गुजरात में बिना लाइसेंस, बीमा, पीयूसी के गाड़ी ड्राइव करने पर 1,500 रुपये का जुर्माना लगेगा. बाइक पर स्टंट करने वालों के लिए पहली बार पकड़े जाने पर 5,000 और दूसरी बार 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.

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नए वाहन नियमों के मुताबिक गाड़ी चलाते वक्त मोबाइल पर बात करते हुए पकड़े जाने पर जहां 500 का चालान कटेगा. वहीं, दूसरी बार ऐसा करने पर 1,000 का जुर्माना लगाया जाएगा. गौरतलब है कि नया मोटर व्हीकल एक्ट 1 सितंबर से लागू हो गया है, जिसके बाद से ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर ताबड़तोड़ चालान काटे जा रहे हैं और भारी भरकम जुर्माना लगाया जा रहा है.

राज्य सरकारों को भी कानून बनाने का अधिकारः गडकरी

इस फैसले पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि राज्य सरकारों को भी कानून बनाने का अधिकार है. इसमें हमें कोई परेशानी नहीं है. उन्होंने कहा कि जो जुर्माना तय हुआ है उसमें केंद्र सरकार ने 10 रुपये से 100 रुपये तक का गैप दिया है. जुर्माने से रेवेन्यू कमाना सरकार का मकसद नहीं है. देश में हर साल 5 लाख एक्सीडेंट होते हैं. जिनमें से डेढ़ लाख मौतें होती हैं और ढाई से तीन लाख लोगों के हाथ-पैर टूटते हैं जो पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा है. उन्होंने कहा कि कानून के प्रति लोगों में डर नहीं सम्मान होना चाहिए.

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