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ठिकाने आई चीन और पाकिस्तान की अक्ल, बोले- बातचीत से सुलझे कश्मीर मुद्दा

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र की मोदी सरकार के फैसले के बाद पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. पाकिस्तान ने रविवार को जम्मू-कश्मीर मसले पर चीन के साथ बातचीत की.

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पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (फाइल फोटो)
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (फाइल फोटो)

  • पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर मसले पर चीन के साथ की बातचीत
  • दोनों देशों ने बातचीत के जरिए विवादों के समाधान पर जोर दिया

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र की मोदी सरकार के फैसले के बाद पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. परमाणु बम की धमकी देने वाला पाकिस्तान अब बातचीत के जरिए कश्मीर मुद्दा सुलझाने की बात कह रहा है. पाकिस्तान ने रविवार को जम्मू-कश्मीर मसले पर चीन के साथ बातचीत की. इस चर्चा के दौरान दोनों देशों ने समानता के आधार पर बातचीत के जरिए विवादों के समाधान की जरूरत पर जोर दिया. साथ ही चीन ने पाकिस्तान को उसकी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा में समर्थन देने की बात को दोहराया. बता दें कि चीन पाकिस्तान को परोक्ष और प्रत्यक्ष रूप से सपोर्ट करता रहा है.

चीनी विदेश मंत्री वांग यी की दो दिवसीय पाकिस्तान यात्रा के समापन पर जारी एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में, दोनों देशों ने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी स्थिति में उनके रणनीतिक संबंध किसी भी क्षेत्रीय या अंतर्राष्ट्रीय स्थिति से प्रभावित नहीं होंगे. वांग की पाकिस्तान की यह यात्रा ऐसे समय में हुई है जब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द करने के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है.

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दोनों पक्षों ने इस बात पर रेखांकित किया कि एक शांतिपूर्ण, स्थिर, सहयोगी और समृद्ध दक्षिण एशिया सभी के साझा हित में है. बयान में कहा गया है, 'देशों को आपसी सम्मान और समानता के आधार पर बातचीत के जरिए विवादों और मुद्दों को सुलझाने की जरूरत है.'

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने बातचीत के दौरान चीन से जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर खुलकर चर्चा की. साथ ही पाकिस्तान ने चीन के समक्ष जम्मू-कश्मीर को लेकर अपनी चिंताओं से अवगत कराया. बातचीत के बाद चीन ने कहा कि वह कश्मीर की मौजूदा स्थिति पर नजर बनाए हुए है. साथ ही चीन यह भी कहा कि कश्मीर का मसला एक पुराना विवाद है और इसका हल संयुक्त राष्ट्र चार्टर, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौते के मुताबिक शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए.

बता दें कि भारत ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटाने के बाद हर मंच पर इस बात को साफ-साफ कहा कि इस अनुच्छेद को हटाना भारत का आंतरिक मसला था. विश्व के कई देशों ने इस मुद्दे पर भारत के पक्ष का समर्थन किया.

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