पाकिस्तान को सता रहा ब्लैकलिस्ट होने का डर, बैंकॉक में कल FATF के सामने पेशी
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पाकिस्तान को सता रहा ब्लैकलिस्ट होने का डर, बैंकॉक में कल FATF के सामने पेशी

एफएटीएफ की बैठक में तय होगा कि पाकिस्तान का नाम ग्रे सूची में रहेगा या इसे ब्लैक लिस्ट में जोड़ा जाएगा.

पाकिस्तान को आतंकी फंडिंग मामले को लेकर काली सूची में डाले जाने का डर सताने लगा है.

नई दिल्ली: बैंकॉक में सोमवार से वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) की अहम बैठक होने जा रही है जिसमें तय होगा कि पाकिस्तान का नाम ग्रे सूची में रहेगा या इसे ब्लैक लिस्ट में जोड़ा जाएगा. पाकिस्तान को आतंकी फंडिंग मामले को लेकर काली सूची में डाले जाने का डर सताने लगा है. पाकिस्तान का 20 सदस्यीय दल बैंकॉक में एफएटीएफ के सामने पेश होगा.

बैठक में पाकिस्तानी की ओर से आर्थिक मामलों के संघीय मंत्री हम्माद अजहर, संघीय जांच एजेंसी, स्टेट बैंक, फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू, सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन ऑफ पाकिस्तान, एंटी नारकोटिक्स फोर्स और खुफिया एजेंसियों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. यह बैठक 9 सितंबर से 13 सितंबर तक चलेगी जिसमें इस बात की समीक्षा की जाएगी कि पाकिस्तान ने जून 2018 में जो वादा किया था, उसे कितना पूरा किया है. 

बैठक के दौरान पाकिस्तान एफएटीएफ को बताएगा कि उसने प्रतिबंधित संगठनों की गतिविधियों पर काबू पाने और उनकी संपत्ति को जब्त करने के लिए क्या कदम उठाए हैं. इस बैठक का नतीजा 13 सितंबर तक जारी रहेगा जिसमें यह तय होगा कि पाकिस्तान का नाम ग्रे सूची में रहेगा या इसे ब्लैक लिस्ट में जोड़ा जाएगा. 

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एफएटीएफ ने पिछले साल पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल दिया था. पाकिस्तान पर आतंकी फंडिग और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में  कार्रवाई ना करने का आरोप है.अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकी फंडिंग पर नजर रखने वाले एफएटीएफ की 13 से 18 अक्टूबर तक पेरिस में अहम बैठक होने वाली है. इसमें आतंकी फंडिंग पर अंकुश लगाने के लिए पाकिस्तान द्वारा उठाए गए कदमों का आकलन किया जाएगा. इसमें खरा नहीं पाए जाने पर उसे काली सूची में डाला जा सकता है. अभी वह एफएटीएफ की ग्रे सूची (निगरानी) में है.

पाकिस्तान ने ऑस्ट्रेलिया की राजधानी कैनबरा में 18 अगस्त से 23 अगस्त के बीच एक बैठक के दौरान वित्तीय कार्रवाई कार्यबल को एक अनुपालन रिपोर्ट सौंपी थी. इस रिपोर्ट में उसने आतंक पर काबू पाने के लिए अपनी 27 सूत्री कार्ययोजना के बारे में बताया था. सूत्रों के मुताबिक, 27 में से 18 कार्ययोजनाओं का पाकिस्तान ने अभी तक कोई क्रियान्वयन नहीं किया है. 

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एफएटीएफ के एक क्षेत्रीय संबद्ध समूह, एशिया-पैसिफिक ग्रुप (एपीजी) द्वारा संवर्धित इस सूची में पाकिस्तान का नाम शामिल किए जाने के मुद्दे पर भी बातचीत होगी. इस कदम का मतलब यह होगा कि पाकिस्तान को तिमाही आधार पर एपीजी को फॉलोअप रिपोर्ट प्रस्तुत करने की आवश्यकता होगी. पाकिस्तान को सूची से बाहर करने के लिए एपीजी के 125 सवालों के जवाब भी तलब किए गए थे. सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच बातचीत के दौरान जिरह भी होगी. सूत्रों ने कहा कि बातचीत में पाकिस्तान के रुख को एपीजी के माध्यम से पेश किया जाएगा. पाकिस्तान धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण पर अंकुश लगाने से जुड़े 10 महत्वपूर्ण सवालों के जवाब भी देगा. 

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