Ram Jethmalani Death News: पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी का रविवार (8 सितंबर, 2019) को निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार नई दिल्ली में कर दिया गया। जेठमलानी विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। कानून पर उनकी पकड़ इतनी मजबूत थी कि विरोधी भी उनसे अपने केस की पैरवी कराने के लिए अनुरोध किया करते थे। 1993 में जब बीजेपी के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी का नाम जैन हवाला डायरी कांड में आया था तब बीजेपी के नेताओं ने जेठमलानी से संपर्क किया था लेकिन उन्होंने आडवाणी का केस लड़ने से इनकार कर दिया था।

कहा जाता है कि किसी बात पर इन दोनों शख्सियतों के बीच विवाद था और जब जेठमलानी को भनक लगी कि उन्हें इस केस में पैरवी करने के लिए कहा जा सकता है, तब उन्होंने अपने घर के बाहर एक बोर्ड लगवा दिया था कि अधिक उम्र होने की वजह से नया केस लेना बंद कर दिया है। बावजूद इसके बीजेपी नेता अरुण जेटली और सुषमा स्वराज न सिर्फ जेठमलानी के घर पहुंचे थे बल्कि आडवाणी का केस लड़ने की गुजारिश करते हुए जेठमलानी के घर पर धरने पर बैठ गए थे। हालांकि, बाद में आडवाणी समेत शरद यादव, अर्जुन सिंह, मदनलाल खुराना, नारायण दत्त तिवारी, विद्या चरण शुक्ल जैसे नेता इस केस में बाइज्जत बरी हो गए।

राम जेठमलानी ने हमेशा लहर के विपरीत जाकर मामलों में कानूनी पैरवी की। मामले चाहे आय से अधिक संपत्ति के रहे हों या सीधे अपराध जगत से जुड़ी, जेठमलानी ने सैकड़ों केसों में आरोपियों की कानूनी मदद की। उन्होंने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की हत्या के आरोपियों की वकालत की। इनके अलावा उन्होंने आय से अधिक संपत्ति मामले में तमिलनाडु की सीएम रहीं जयललिता, चारा घोटाले के मामले में बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव की भी पैरवी की।

मौजूदा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की भी पैरवी उन्होंने सोहराबुद्दीन मर्डर केस में की थी। बीबीसी के मुताबिक इनके अलावा अंडरवर्ल्ड डॉन हाजी मस्तान, आसाराम बापू, बाबा रामदेव, कर्नाटक के सीएम बी एस येदिरप्पा, टू-जी घोटाले में कनिमोझी के भी वकील रह चुके हैं। पिछले साल दिल्ली की अदालत में उनका आमना-सामना तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली से भी हुआ था, जब जेठमलानी दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की पैरवी मानहानि के केस में करने पहुंचे थे।