करियर
  • text

PRESENTS

sponser-logo

success story: कहानी उस लड़की की जो प्राइमरी टीचर से बनी IAS ऑफिसर

FOLLOW US
TEXT SIZE
SmallMediumLarge
SHARE
होम / न्यूज / करियर / success story: कहानी उस लड़की की जो प्राइमरी टीचर से बनी IAS ऑफिसर

success story: कहानी उस लड़की की जो प्राइमरी टीचर से बनी IAS ऑफिसर

मिलिए मूल रूप से इलाहाबाद की IAS सीरत फातिमा से.
मिलिए मूल रूप से इलाहाबाद की IAS सीरत फातिमा से.

चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी सीरत प्राइमरी टीचर थीं. उन्होंने पहले दो अटेंप्ट टीचर ट्रेनिंग के दौरान दिए.

    IAS Success Story: न्यूज18 हिंदी पर आप हर दिन एक ऐसी हस्ती की कहानी पढ़ते हैं, जिसने विषम परिस्थितियों से लड़कर अपने फील्ड में कामयाबी हासिल कर मिसाल कायम की. UPSC यानी संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission) के लिए हर साल लगभग 10 लाख आवेदन किए जाते हैं. जिसमें से लगभग 1 हजार सेलेक्ट होते हैं. देश की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में शुमार इस एग्जाम को क्लीयर करने वाली हर हस्ती की अपनी एक कहानी है. आज की कहानी में मिलिए प्राइमरी टीचर रहीं सीरत फातिमा से. वे साल 2017 में चौथे अटेंप्ट 810वीं रैंक हासिल कर आईएएस बनीं.

    कोशिश करने वालों कभी हार नहीं होगी. सीरत पर ये वाक्य एकदम सटीक बैठता है. वे मूल रूप से इलाहाबाद के जसरा के पवर गांव की निवासी हैं. सीरत फातिमा ने तीन असफल कोशिशों के बावजूद चौथी बार में यूपीएससी एग्जाम पास किया.

    चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी सीरत प्राइमरी टीचर थीं. उन्होंने पहले दो अटेंप्ट टीचर ट्रेनिंग के दौरान दिए. तीसरे प्रयास में बेहद मेहनत की, साल 2016 में प्रीलिम्स और मेन्स की परीक्षा पास कर इंटरव्यू तक पहुंची. लेकिन छह मार्क्स से चूक गईं. पर हिम्मत नहीं हारी. 18 दिन बाद ही अगली प्रीलिम्स परीक्षा थी. इस दौरान वे प्रेशर में तो थी पर पिता ने हिम्मत बंधाई. और पिता ने कहा हिम्मत देते हुए बस इतना कहा, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती. और इसके बाद वे लगातार मेहनत करती रहीं.

    सीरत नौकरी छोड़कर भी तैयारी नहीं कर सकती थी. क्योंकि फैमिली को सपोर्ट करना था. नौकरी की वजह से घर पर ही रही. दिल्ली की कोचिंग से भी तैयारी नहीं कर पाई. मेहनत का फल मीठा ही होता है. सीरत को भी अपनी मेहनत का नतीजा 2017 में मिला. वे आईएएस बनीं. वे इंडियन एंड ट्रैफिक सर्विस में कार्यरत हैं.

    बच्चा अगर अपने लिए माता-पिता के मन के ख्वाब को जान ले तो पूरा करने में जान लगा देता है. सीरत ने भी ऐसा ही किया. पेशे से पटवारी सीरत के पिता
    जब अपने आगे बड़े-बड़े अधिकारी को देखते तो मन ही मन चाहते उनका बच्चा भी अधिकारी बने. पिता ने ही कुछ बड़ा करने की हिम्मत दी थी. (सीरत फातिमा की दिल्ली नॉलेज ट्रैक से बातचीत के आधार पर.)

    ये भी पढ़ें-
    ICAI CA Application Form 2019: फॉर्म भरने की तारीख बढ़ी
    इस महीने टीचिंग जॉब के लिए करें अप्लाई, चेक करें सभी अपडेट
    Success Story: बिना कोचिंग पहले अटेंप्ट में क्रैक किया IAS एग्जाम

    Tags: IAS exam, UPSC Exams, UPSC results