पश्चिम बंगाल की वजह से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम पूरे देश में लागू नहीं हो सकी है. दिल्ली, सिक्किम और लक्षद्वीप की सरकारें भी अपने यहां के किसानों को इसका फायदा नहीं लेने दे रही थीं. लेकिन अब ये सरकारें भी मान गईं और इन राज्यों में किसानों को सालाना 6000 रुपये की मदद मिल रही है. लेकिन इस मामले में ममता बनर्जी सरकार टस से मस नहीं हुई है. पश्चिम बंगाल सरकार ने शुरू से ही नरेंद्र मोदी सरकार की इस योजना का बहिष्कार कर रखा है. जबकि वहां 71.
इसीलिए 2 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक के तुमकुर से इस योजना के दूसरे चरण की शुरुआत करते हुए कहा कि जिन सरकारों ने इस स्कीम को लागू नहीं किया है उम्मीद करता हूं कि अब वो भी ये सोचते हुए लागू करेंगी कि ये देश की योजना है और इससे किसानों को फायदा मिलेगा. केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने न्यूज18 हिंदी से बातचीत में कहा कि कुछ सरकारें जानबूझकर किसान सम्मान निधि के लिए सूची भेज नहीं रही हैं.
जिसकी वजह से इन राज्यों के किसानों को सालाना 6000 रुपये नहीं मिल पा रहे हैं. इसका जवाब उन्हें जनता देगी. कुछ राज्य सरकारें इस स्कीम में सहयोग न करके किसानों के साथ धोखा कर रही हैं. जब केंद्र पैसा भेज रहा है तो राज्यों को किसानों के हितों पर कुठाराघात नहीं करना चाहिए.
Modi Ji Iss Nautanki se koi laabh hone Wala Nehin. Janata Aap ke sabhi pentaron se waakif hai. Ab aur Jhooth nehin
Kitna jhot bologe
नेहरू ,चीन से 43K वर्ग KM ज़मीन हार गया संसद मे बोला वहाँ कुछ पैदा ही नही होता कुतर्कियो को बताता हूँ 43K वर्ग किलोमीटर, स्विट्ज़रलैंड के बराबर की एरिया होती है अर्थात्, कांग्रेस ने आपको बीरबल के चुटकुला पकड़ा दिया लोग कांग्रेस रूपी काल को देख नही पा रहे CongressMuktBharat
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PM के गृह राज्य गुजरात में एक ही परिवार के पास 1700 आयुष्मान कार्डफर्जी बिल भेजने वाले 150 से ज्यादा अस्पतालों को इस योजना से बाहर कर दिया गया है। मध्य प्रदेश और बिहार के 1350 से ज्यादा बिलों को भी संदिग्ध पाया गया है।
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