गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के स्वामित्व वाले इस स्टेडियम का नाम नरेंद्र मोदी स्टेडियम है.
भारत में क्रिकेट की थोड़ी भी समझ रखने वाले व्यक्ति को पता है कि इस देश में अमूमन क्रिकेट स्टेडियमों के नाम या तो उस जगह से जुड़े होते हैं, जहां वो स्टेडियम बने होते हैं या फिर उन लोगों के नाम पर होते हैं, जो क्रिकेट एडमिनिस्ट्रेशन से जुड़े रहे हैं, बीसीसीआई या राज्य स्तरीय क्रिकेट एसोसिएशनों के अध्यक्ष रहे हैं. मसलन मुबंई का वानखेडे स्टेडियम हो या चेन्नई का चिदंबरम स्टेडियम, बेंगलुरु का चिन्नास्वामी स्टेडियम हो या फिर मोहाली का आईएस बिद्रा स्टेडियम.
गुजरात क्रिकेट एसोसिशन की जिम्मेदारी मई 2014 में देश का पीएम बनने के बाद छोड़ने के छह महीने पहले ही मोदी ने मोटेरा को लेकर अपनी योजना को ठोस स्वरुप दिया था. उन्हीं की परिकल्पना के आधार पर उनके बाद जीसीए के अध्यक्ष बने अमित शाह और वरिष्ठ उपाध्यक्ष परिमल नथवाणी ने स्टेडियम के काम को आगे बढ़ाया. अमित शाह ने जब लोढ़ा कमिटि की सिफारिशों के तहत जीसीए अध्यक्ष पद को छोड़ा, उसके बाद नई पीढ़ी ने इस सिलसिले को आगे बढ़ाया.
स्वाभाविक है कि जब नये स्टेडियम का औपचारिक तौर पर उदघाटन राष्ट्रपति के हाथों होना था, तो इसका नामकरण भी होना था. देश में जितने भी स्टेडियम हैं, सबके नाम हैं, ज्यादातर उन व्यक्तियों के नाम पर हैं, जो क्रिकेट प्रशासन से जुड़े रहे हैं, इसके विकास में अपनी भूमिका निभाते आए हैं. ऐसे मे इसमें कोई अचंभा नहीं होना चाहिए कि इसे नरेंद्र मोदी का नाम क्यों दिया गया. एक पल को भूल जाइए कि मोदी पौने तेरह साल तक गुजरात के सीएम रहे या फिर 2014 से देश के पीएम हैं.
अगर आंकड़ों के हिसाब से देख जाए, तो देश में खेल से जुड़े 22 ऐसे बड़े स्टेडियम हैं, जिनका नाम गांधी-नेहरू परिवार के सदस्यों के नाम पर है, जिनमें सर्वाधिक 12 स्टेडियम राजीव गांधी के नाम पर हैं. बाकी स्टेडियम जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के नाम पर हैं. यही नहीं, देश में 17 ऐसी ट्रॉफियां या टूर्नामेंट हैं, जो इन्हीं तीन के नाम से हैं. इनमें भी सर्वाधिक, 12 टूर्नामेंट राजीव गांधी के नाम पर होते हैं.
और जहां तक सरदार पटेल की साख को कम करन का सवाल है, इस तरह के प्रश्न उठाना भी हास्यास्पद है. 2014 लोकसभा चुनावों के करीब सात महीने पहले जब अक्टूबर 2013 में मोदी ने सरदार जयंती के मौके पर गुजरात के केवडिया में सरदार पटेल की प्रतिमा बनाने के लिए भूमिपूजन किया था, तो उस वक्त सबको ये चुनावी हथकंडा लगा था.
brajeshksingh 🙏
brajeshksingh Aap itne varisht patrakar hai lekin aapke editorial se ye ek dum nahi lagta ki aap ek patrkar hai aisa lag raha hai aap bjp party ke neta hai. Aise safai pesh kar rahe hai bjp ki jaise bjp ne editorial ke liye alag se paise diye hai
brajeshksingh Ye sare kaam jo aapne apne editorial me ginaye ye sabhi logo ke marne ke baad me hue hai unko samman dene ke liye. Aur kya sach me congress party ne itna kaam kiya hai 70 saalo me ki 22 stadium bana diye. Itni jankari dene ke liye bahut bahut dhnaywad
brajeshksingh एक बात ध्यान रखना जीवन में इंसान की जिन्दगी में परमपिता परमेश्वर जब देता हैं तो छपर फाड़ के देता हैं और जब लेने आता हैं तो छपर फाड़ के लेता हैं
brajeshksingh Why is the Indian government silent on the issue of unemployment modi_rojgar_do modi_job_do
brajeshksingh I don't think why people cannot appreciate if anything good happens india. We enjoy when there are protest but when something good happens, no appreciation.
brajeshksingh modi_rojgar_do
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