अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने चीन की बढ़ते दबदबे को कम करने के लिए नया गठबंधन बनाने का ऐलान किया है। ऑस्ट्रेलिया, यूनाइटेड किंगडम और यूनाइटेड स्टेट्स के शुरुआत के अक्षरों के कारण इस समझौते को AUKUS कहा जा रहा है। इस गठबंधन का प्रमुख उद्देश्य हिंद और प्रशांत महासागर में तीनों देशों के हितों की रक्षा करना है। इस समझौते के तहत ऑस्ट्रेलिया को अमेरिका परमाणु शक्ति संपन्न पनडुब्बियों को बनाने की तकनीक प्रदान करेगा। अमेरिका ने इस तरह का समझौता अभी तक सिर्फ ब्रिटेन के साथ ही किया है। वहीं अब...
France Australia Tension: 'ऑस्ट्रेलिया ने पीठ में छुरा घोंपा', अमेरिका से परमाणु पनडुब्बी डील पर भड़का फ्रांस, बोला- ट्रंप की याद आईजब वैज्ञानिकों ने परमाणु को विभाजित किया तब उन्हें यह महसूस हुआ कि हम इसका बम बनाने के अलावा भी किसी काम में इस्तेमाल कर सकते हैं। इसका उपयोग बिजली पैदा करने के लिए किया जा सकता था। ये परमाणु रिएक्टर पिछले 70 वर्षों से दुनिया भर के घरों और उद्योगों को बिजली दे रहे हैं। परमाणु पनडुब्बियां भी इसी समान तकनीक से काम करती हैं। प्रत्येक परमाणु पनडुब्बी में एक...
China Taiwan Tension: ऑस्ट्रेलिया खरीदेगा परमाणु पनडुब्बी और ताइवान 9 अरब डॉलर के हथियार, चीन पर चौतरफा वार की तैयारीएएनयू में परमाणु भौतिक विज्ञानी प्रोफेसर एंड्रयू स्टचबेरी का कहना है कि परमाणु पनडुब्बियां परंपरागत पनडुब्बियों की तुलना में कहीं अधिक ताकतवर होती हैं। ये लंबे समय तक सैकड़ों मीटर गहरे पानी के नीचे छिपी रह सकती हैं। इतना ही नहीं, इन पनडुब्बियों में इतनी ताकत होती है कि पानी की प्रेशर के बावजूद ये अंदर ही अंदर 60 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड को पकड़ सकती हैं। ऐसे में दुश्मन देश...
परमाणु पनडुब्बी बनाने का विचार सबसे पहले 1939 में अमेरिका के नेवल रिसर्च लेबरोटरी के वैज्ञानिक रॉस गन ने प्रस्तुत किया था। जिसके बाद से करीब एक दशक बाद जुलाई 1951 में अमेरिकी कांग्रेस ने पहली बार परमाणु पनडुब्बी के निर्माण के लिए अपनी मंजूरी दी थी। परमाणु पनडुब्बी का रिएक्टर बनाने का काम वेस्टिंगहाउस कॉर्पोरेशन को सौंपा गया। जिसके बाद 30 सितंबर 1954 यूएसएस नॉटिलस नाम की पहली परमाणु पनडुब्बी को अमेरिकी नौसेना में कमीशन किया गया।दुनिया में कोई भी रक्षा सौदा केवल हथियार की अच्छी क्वालिटी को देखकर...
फ्रांसीसी विदेश मंत्री ने इशारा किया कि उनका देश ऑस्ट्रेलिया के इस फैसले के खिलाफ लड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह खत्म नहीं हुआ है। हमें स्पष्टीकरण की आवश्यकता होगी। हमारे पास अनुबंध हैं। आस्ट्रेलियाई लोगों को हमें यह बताना होगा कि वे इससे कैसे बाहर निकल रहे हैं। हमारे पास एक अंतर सरकारी समझौता है जिस पर हमने 2019 में बड़ी धूमधाम से हस्ताक्षर किए, सटीक प्रतिबद्धताओं के साथ, क्लॉज के साथ, वे इससे कैसे बाहर निकल रहे हैं? उन्हें हमें बताना होगा। तो यह कहानी का अंत नहीं है।ले ड्रियन ने कहा कि...
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »
स्रोत: NBT Hindi News - 🏆 20. / 51 और पढो »
स्रोत: Amar Ujala - 🏆 12. / 51 और पढो »
स्रोत: DW Hindi - 🏆 8. / 63 और पढो »
स्रोत: Amar Ujala - 🏆 12. / 51 और पढो »
स्रोत: NBT Hindi News - 🏆 20. / 51 और पढो »