Nirbhaya case: निर्भया केस: दोषियों के वकील का आरोप, 'विनय को दिया धीमा जहर', कोर्ट ने कहा- किसी नए निर्देश की जरूरत नहीं - nirbhaya case convict vinay sharma being slow poisoned claims lawyer ap singh | Navbharat Times

  • 📰 NBT Hindi News
  • ⏱ Reading Time:
  • 43 sec. here
  • 2 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 21%
  • Publisher: 51%

इंडिया मुख्य बातें समाचार

इंडिया ताज़ा खबर,इंडिया मुख्य बातें

NirbhayaCase दोषियों के वकील का आरोप, 'विनय को दिया धीमा जहर', कोर्ट ने कहा- किसी नए निर्देश की जरूरत नहीं

ने कोर्ट में दावा किया कि उनके क्लाइंट विनय को जेल प्रशासन ने धीमा जहर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि धीमा जहर देने के कारण विनय की तबीयत बिगड़ी थी और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्होंने कहा कि अभी तक उन्हें मेडिकल रिपोर्ट नहीं मिली है। हालांकि, जेल प्रशासन ने डायरी और पेंटिंग उन्हें सौंप दी। इसके बाद शर्मा ने स्वीकार किया कि कल देर रात उन्हें कुछ दस्तावेज दिए गए हैं।सरकारी वकील बोले, 'दोषियों के सभी दस्तावेज सौंपे...

सरकारी वकील ने दोषियों के वकील के दस्तावेज नहीं सौपने के दावे को खारिज करते हुए कहा कि सभी जरूरी दस्तावेज जेल प्रशासन सौंप चुका है। दोषियों के वकील पहले भी कई बार कोर्ट सुनवाई में जरूरी दस्तावेज नहीं मिलने को लेकर झूठे आरोप लगाते रहे हैं। आज भी सुनवाई के दौरान उन्होंने देर रात दस्तावेज सौंपे जाने की पुष्टि की।मेडिकल डॉक्युमेंट्स की मांग

सुनवाई के दौरान ए पी सिंह ने कहा कि दोषी विनय की स्थिति अभी भी अच्छी नहीं है। दोषियों के वकील ने कहा कि अभी सभी दोषियों को जेल 3 में शिफ्ट किया गया है जो रिकॉर्ड हमको चाहिए वह जेल 4 और 2 में है। ये रेकॉर्ड्स क्यों नहीं देना चाह रहे हैं, पता नहीं। 27 मई, 2013 का मेडिकल डॉक्युमेंट्स चहिए। विनय का भी मेडिकल डॉक्युमेंट्स चहिए। कभी कहते हैं खाना नहीं खा रहा है, कभी कहते हैं कि खाना खा रहा है। वह दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में 10 दिन रहा उसका मेडिकल डॉक्युमेंट भी अभी नहीं मिला। विनय ने जेल में बहुत सी...

 

आपकी टिप्पणी के लिए धन्यवाद। आपकी टिप्पणी समीक्षा के बाद प्रकाशित की जाएगी।

मोदी शाह सारे देश को भय और बदला में भरे! मैंने कभी इतना भटकाव नहीं देखा शायद समाज सेवी अन्ना एक केंद्रीय मंत्री कोर्ट तक -मारो इन्हें! जीवन जीने ,बचाने की संस्था संसद -लिन्चिग! ऐसा गणतंत्र अब न आऐ! अबकी बार सुधारक, जीवन जीने को नागरिक को सिखाता आबद्ध करता गणतंत्र आऐ!

कमाल है ! निर्भया से ज्यादा, उसके बलात्कारी और हत्यारों की चिंता हो.रही है ! अब इन सब को लटकााकर इस किस्से को खत्म कर देने की जरुरत है !!!

दोषियों के वकील साहब को बोलो की साँपो को बचाने की कोशिश ना करें क्योंकि इनका कुछ पता नही कि बाहर निकलने पर ये लोग उसी वक़ील की बहन या बेटी को उठा ले जाएंगे और ब्लात्कार कर देंगे।

हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

 /  🏆 20. in İN

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

निर्भया के दोषियों के वकील की अर्जी- तिहाड़ जेल पवन-अक्षय के दस्‍तावेज नहीं दे रहानिर्भया गैंगरेप केस (Nirbhaya Gang Rape Case) के दोषियों के वक़ील एपी सिंह ने पटियाला हाउस कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर कहा है कि तिहाड़ जेल प्रशासन ने अभी तक उन्हें दोषी पवन और अक्षय के दस्तावेज मुहैया नहीं कराए हैं. याचिका में कहा कि पवन, अक्षय और विनय दया याचिका भी दाखिल करना चाहते हैं, लेकिन दस्तावेज के न मिलने की वजह से वो दाखिल नहीं कर पा रहे हैं. यह भी कहा गया है कि पवन और अक्षय को सुप्रीम कोर्ट में क्‍यूरेटिव याचिका दाखिल करनी है. पटियाला हाउस कोर्ट शनिवार को मामले की सुनवाई कर सकता है. दस्तावेज से बलात्कारियों के वकील क्या अपनी बेटी का रिश्ता करेगा बहोत खेल हो गया अब इनका भी इनकाउंटर कर देना चाहिए, जितना निर्भया तड़पी थी उससे ज्यादा हमारा कानून दर्द उसकी आत्मा को दे रहा है इन बलात्कारियों के वकील से ज्यादा इज्जत की कमाई किसी वेश्या की होती है । वो समाज के लिए तो खतरा नहीं होती ।
स्रोत: Zee News - 🏆 7. / 63 और पढो »

फांसी टलवाने के लिए हर हथकंडा आजमा रहे हैं निर्भया के दोषीनई दिल्ली। निर्भया मामले में अभियोजन पक्ष ने आज पटियाला हाउस कोर्ट को सूचित किया कि तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने दोषियों के वकील द्वारा मांगे गए सभी संबंधित दस्तावेज उन्हें पहले ही मुहैया करा दिए हैं। दोषी फांसी को टलवाने के लिए हर हथकंडा अपना रहे हैं।
स्रोत: Webdunia Hindi - 🏆 17. / 51 और पढो »

निर्भया के दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी करने वाले जज का ट्रांसफरदिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में बतौर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पद पर कार्यरत जज सतीश अरोड़ा अब सुप्रीम कोर्ट में काम करेंगे. बीते एक महीने में दो बार उन्होंने दोषियों का डेथ वारंट जारी किया है. twtpoonam विस्तार से बतायें twtpoonam ऐशा क्यूँ twtpoonam आखिर इन बलात्कारियों को बचा कौन रहा है और जज का ट्रांसफर क्यों हुवा फाँसी की सजा देने का इनाम है। और कैसा कानून है एक बलात्कारी नाबालिग कैसे हो सकता है। ऐसा न करे सरकार की आने वाले वक्त में लोग खुद फैसला करना सुरु कर दे देश को गलत दिशा दिया जा रहा है सायद सरकार को शांति पसंद नही
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »

निर्भया केस: फांसी से पहले आखिरी मुलाकात, गुनहगारों के परिजनों को भेजा गया खतJail Parshasan Ka Sahi Nirnay. मतलब फांसी का वक्त करीब आ गया है... कानून को बोलो निर्भय हत्यारों को और भी कुछ सुविधा देनी है तो दे इतना घटिया कानून मैंने कहीं नहीं देखा
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »

निर्भया केस: 3 दोषियों ने दायर की याचिका, तिहाड़ जेल प्रशासन पर लगाया ये आरोपनिर्भया मामले (Nirbhaya Gang Rape Case) में दोषियों के वकील एपी सिंह ने याचिका में कहा कि तिहाड़ जेल प्रशासन ने अभी तक उन्हें दोषी पवन, अक्षय और विनय के दस्तावेज मुहैया नहीं कराये हैं. इसलिए क्यूरेटिव पिटीशन और राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजने में देरी हो रही है. शनिवार को इस मामले की सुनवाई हो सकती है. | delhi-ncr News in Hindi - हिंदी न्यूज़, समाचार, लेटेस्ट-ब्रेकिंग न्यूज़ इन हिंदी RailwayNTPCExam asli hatyara wo nabalig he, nirbhay ko yonang me rod ghusa k mara tha
स्रोत: News18 India - 🏆 21. / 51 और पढो »

'निर्भया' के दो दोषियों की याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट में आज फिर सुनवाईसुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हाल ही में दो अन्य दोषियों विनय शर्मा और मुकेश सिंह की सुधारात्मक याचिका (Petition) खारिज कर दी थी. | delhi-ncr News in Hindi - हिंदी न्यूज़, समाचार, लेटेस्ट-ब्रेकिंग न्यूज़ इन हिंदी Trial court, Highcourt, SupremeCourt, Review Petition, Curative Petition, Mercy Petition. ....Oh after such a long time a sympathy is created towards these rascals & suddenly a lady lawyer of SC ask for Pardon from d mother of victim. Is d Hyderbad type of just not correct? जय हो कानून। हमे लगता है कि वादी कमजोर होता तो फैसला पलट जाता । लेकिन धन्य ओ माता पिता जिन्होंने समर्पण किया है। क्या मजाक हो रहा है,सब का केस अलग अलग दायर हुआ था क्या जो अलग अलग सुनवाई हो रहा है,कानून का मजाक बनाया जा रहा है।
स्रोत: News18 India - 🏆 21. / 51 और पढो »