इकबाल अंसारी की राहुल गांधी को चुनौती, 'है हिम्मत तो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में राजनीति करो'
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इकबाल अंसारी की राहुल गांधी को चुनौती, 'है हिम्मत तो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में राजनीति करो'

कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul gandhi) के जम्मू कश्मीर (Jammu kashmir) दौरे पर अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी (Iqbal Ansari) ने सवाल उठाया है.

अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने कांग्रेस और राहुल गांधी की मंशा पर सवाल उठाया है.

अयोध्या: कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul gandhi) के जम्मू कश्मीर (Jammu kashmir) दौरे पर अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी (Iqbal Ansari) ने सवाल उठाया है. इकबाल अंसारी (Iqbal Ansari) ने राहुल गांधी (Rahul gandhi) और कोंग्रेस से पूछा है कि देश मे कई जगह मसले हैं वहां आपके नेता कभी क्यों नहीं जाते हैं. उन्होंने दो टूक पूछा है कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, वहां जाकर राजनीति क्यों नहीं करते हैं. कांग्रेस (Congress) ने कश्मीर में धारा 370 लागू किया था. इस पार्टी के नेता 70 साल तक राजनीति कर अपना लाभ लेते रहे हैं.

इकबाल अंसारी (Iqbal Ansari) ने कहा कि जनता का बुरा हाल रहा है. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने धारा 370 हटाकर देश में एक कानून का राज स्थापित किया है. धारा 370 के खत्म होने से कश्मीर के लोगों का भला हुआ है. राहुल और कांग्रेस (Congress) को देश की चिंता है तो पाकिस्तान जाकर मसला को हल करें. अन्य जगहों पर जाकर मसले को हल करें राजनीति करें.

उन्होंने कहा कि कश्मीर पर कोंग्रेस को राजनीति नहीं करनी चाहिए. बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी (Iqbal Ansari) ने भरतीय मुसलमानों को वीर अब्दुल हमीद से तुलना किया है. देश के मुसलमान देश के लिए पाकिस्तान से लड़ने को तैयार हैं. पाकिस्तान हमेशा भारत से मुंह की खाता रहा है. वहीं कांग्रेस (Congress) कश्मीर पर राजनीति कर रही है. देश के हिन्दू-मुसलमान सिख व ईसाई अमन चाहते हैं. कांग्रेस (Congress) ने कश्मीर पर अपना फायदा उठाया है. कांग्रेस (Congress) की राजनीति अब खत्म होने वाली है.

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श्रीनगर एयरपोर्ट से लौटाए गए राहुल गांधी (Rahul gandhi)
कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul gandhi) के नेतृत्व में विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल अनुच्छेद 370 हटने के मद्देनजर शनिवार को जम्मू-कश्मीर का दौरा करने पहुंचे. हालांकि सुरक्षा का हवाला देते हुए उन्हें श्रीनगर एयरपोर्ट से लौटा दिया गया. प्रशासन ने उन्हें यह कहते हुए लौटा दिया कि जम्मू कश्मीर (Jammu kashmir) में धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं. उनके दौरे से स्थित बिगड़ सकती है. 

इससके पहले जम्मू-कश्मीर सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने ट्वीट करते हुए कहा, 'ऐसे समय में जब सरकार जम्मू-कश्मीर के लोगों को सीमा पार आतंवाद और आतंकियों व अलगाववादियों के हमले से बचाने की कोशिश कर रही है और बदमाशों व उपद्रवी तत्वों को नियंत्रित कर धीरे-धीरे सार्वजनिक व्यवस्था को बहाल करने की कोशिश कर रही है, इस स्थिति में वरिष्ठ राजनेताओं के द्वारा सामान्य होते हालात को छेड़ने का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए.'

इसमें आगे यह भी कहा गया, 'नेताओं से सहयोग करने और श्रीनगर न आने का अनुरोध किया जा रहा है क्योंकि ऐसा करने से अन्य लोगों को असुविधाओं का सामना करना पड़ सकता है.'

प्रशासन ने ट्वीट कर यह भी कहा था, 'वे (नेता) उन प्रतिबंधों का भी उल्लंघन कर रहे होंगे जो अभी भी कुछ क्षेत्रों में लगे हैं. वरिष्ठ नेताओं को यह समझना चाहिए कि मानव जीवन में शांति व्यवस्था को बनाए रखने और नुकसान रोकने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी.'

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