रोहतक के अपने सियासी गढ़ में रैली कर बागी तेवर दिखाने वाले हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा नई पार्टी बनाने के मामले में अपने पत्ते खोलने को तैयार नहीं हैं। जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने संबंधी केंद्र के फैसले का समर्थन कर अपनी ही पार्टी पर रास्ता भटकने का आरोप लगाने वाले हुड्डा सुर्खियों में जरूर हैं लेकिन इस मुद्दे को और ज्यादा तूल देने से बच रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि रोहतक की परिवर्तन महारैली के मंच से अपनी भावी रणनीति तय करने के लिए 25 सदस्यीय समिति गठित करने की घोषणा कर चुके हुड्डा को अब कांग्रेस हाईकमान की प्रतिक्रिया का इंतजार है।

यदि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने हरियाणा में नेतृत्व परिवर्तन की हुड्डा खेमे की मांग को एक बार फिर खारिज किया तो संभव है कि आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री की अगुआई में कोई नया मोर्चा खड़ा हो जाए। रोहतक रैली की सफलता से गद्गद् हुड्डा ने सूबे की जनता का जबरदस्त समर्थन के लिए आभार जताया लेकिन अपनी भावी रणनीति के खुलासे से इनकार किया। उनके दिल्ली स्थित आवास पर रैली की सफलता का असर दिखाई पड़ा। सोमवार को उनसे मिलने वालों का तांता लगा रहा। पार्टी विधायकों के अलावा कांग्रेस के कई अन्य नेताओं ने भी उनसे मुलाकात की।

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पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा के करीबी सूत्रों ने बताया कि हुड्डा मंगलवार सुबह पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती के उपलक्ष्य में उनकी समाधि वीर भूमि पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। इस कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी सहित पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेताओं के मौजूद रहने की संभावना है। जाहिर तौर पर वहां हुड्डा की इन तमाम नेताओं से मुलाकात भी तय है। राजीव गांधी की जयंती के मौके पर हुड्डा की मौजूदगी सियासी गलियारों में यह संदेश भी देगी कि उनके कांग्रेस छोड़ने अथवा नई पार्टी गठित करने की सियासी अटकलें जल्दबाजी में लगाई जा रही हैं।