Karnataka Cabinet Reshuffle: कांग्रेस विधायकों के बागी तेवर, बढ़ सकती है कुमारस्वामी सरकार की मुश्किलें

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कर्नाटक की एचडी कुमारस्वामी सरकार के कैबिनेट विस्तार से नाराज कांग्रेस विधायकों ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है

 

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Dekha Choro ki sarkar aisi hoti hai.. kabhi bhi apne hi mantri ke khilaf morcha nikala... harami to harami hote hai

लोकसभा चुनाव तक जारी रहेगा सब नाटक है

😁😁😁😁😁😁😁

ये तो होना ही था।

Toro bhai choron ka shat

Congres Ko to Har soda Manjur Hai. Wo to gadhe ko bhi Baap kahega. Modi Ko hatane Ke liye

कर्नाटक के नाटक का पटाक्षेप 2019 में होगा?

ये भविष्य 2019 की पहली तस्वीरे है।।।

Aajtak jhunjhuna bajaye

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कांग्रेस विधायकों में मारपीट के बाद सामने आई घायल MLA की तस्वीर, गणेश के खिलाफ FIRआनंद सिंह पर बेरहमी से हमला किया गया है. उनकी एक आंख में तो इतनी चोट आई है कि वह खुल भी नहीं पा रही है. दूसरी आंख में भी चोट के निशान हैं. दूसरे विधायक जेएन गणेश का दावा- झड़प में मैं भी जख्मी हुआ. Rahul gandi maar gaya kya dekhne nahi gaya ky Gangwar .... सच सामने आया। सबूत के साथ।जय हो z न्यूज।
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कमलनाथ के एक फैसले ने पंक्चर कर दी महागठबंधन की 'साइकिल'!– News18 हिंदीमध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार में 28 विधायकों ने कैबिनेट मंत्री की शपथ ले ली है. सभी विधायक कांग्रेस के हैं. मंत्रिमंडल के गठन के बाद विधायकों की नाराजगी सामने आनी शुरू हो गई है. पहले कांग्रेस के कई विधायकों के समर्थकों की नाराजगी सामने आई उसके बाद अब एमपी में कांग्रेस को समर्थन देने वाली समाजवादी पार्टी ने भी आंख दिखा दी है OfficeOfKNath samajwadiparty INCMP BJP4MP OfficeOfKNath samajwadiparty INCMP BJP4MP ये तो बहाना है कांग्रेस को UP से बहार ही निकालना है OfficeOfKNath samajwadiparty INCMP BJP4MP इन ठगों के लौड़े तो लगने ही थे।
स्रोत: News18 India - 🏆 21. / 51 और पढो »

नागरिकता विधेयक: क्यों बरपा है पूर्वोत्तर में हंगामानया विधेयक नागरिकता कानून 1955 में संशोधन के लिए लाया गया है। यह विधेयक कानून बनने के बाद, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के मानने वाले अल्पसंख्यक समुदाय को 12 साल के बजाय छह साल भारत में गुजारने पर और बिना उचित दस्तावेजों के भी भारतीय नागरिकता प्रदान करेगा। भाजपा ने 2014 के चुनाव में इसका वादा किया था। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, माकपा समेत कुछ अन्य पार्टियां लगातार इस विधेयक का विरोध कर रही हैं। उनका दावा है कि धर्म के आधार पर नागरिकता नहीं दी जा सकती है, क्योंकि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। विपक्षी पाटिर्यों के कुछ सदस्यों ने रिपोर्ट में असहमति जताई है। भाजपा की सहयोगी, शिवसेना और जद (एकी) भी इसके विरोध में हैं।
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »

बेबाक बोल: आनेवाला साल 2019आनेवाला साल 2019 है। नाम में क्या रखा है की तर्ज पर साल में क्या रखा है का भी सवाल किया जा सकता है। लेकिन कैलेंडरी रस्मअदायगी के अपने मायने हैं। भारतीय राज और समाज में आनेवाले नए साल पर तो पांच साल के हिसाब-किताब का बोझ है। पिछले आम चुनाव के बाद 2014 से ही 2019 का नारा गूंजने लगा था। नए साल की दहलीज पर कैलेंडर बदलने के पहले भारतीय राजनीति का कथ्य बदल रहा है। भारतीय राजनीति में क्षेत्रीय दलों के अस्तित्व और विकल्प की शुरुआत ही कांग्रेस विरोधी नारे के साथ हुई थी और उत्तर से लेकर दक्षिण तक के क्षेत्रीय दल भाजपा के विजय रथ से घबराए हुए दिख रहे थे। वहीं आज स्टालिन जैसे नेता कांग्रेस अध्यक्ष के जयकारे लगा रहे हैं। ओड़ीशा और पश्चिम बंगाल जैसे क्षेत्रीय दलों की अगुआई वाले राज्यों के लिए अब कांग्रेस नहीं भाजपा की चुनौती है। पिछले साल के दिसंबर से लेकर अलविदा कह रहे इस दिसंबर तक बदले राजकाज पर बेबाक बोल।
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »

दंगल: मोदी पर लिख-बोल सकते हैं तो मनमोहन पर क्यों नहीं? Dangal: If you can write on Modi then why not on Manmohan? - Dangal AajTakदि एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर का ट्रेलर कल रिलीज़ हुआ है. इस फिल्म के लिए आधार बनाया गया है मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रहे संजय बारू की किताब को. और पिक्चर रिलीज़ होनी है – 11 जनवरी को. लेकिन रिलीज़ के पहले ही पिक्चर के एक्सीडेंट की संभावनाएं बन रही हैं. महाराष्ट्र की युवा कांग्रेस इकाई ने फिल्म के निर्माताओं को चिट्ठी लिखी है कि इसे रिलीज़ करने के पहले पिक्चर उन्हें दिखाई जाए. कांग्रेस इसे बीजेपी का फेक प्रोपोगंडा कह रही है. लेकिन फिल्म में मनमोहन सिंह की भूमिका निभाने वाले अनुपम खेर का दावा है कि ये उनकी ज़िंदगी की सबसे शानदार भूमिका है, जिसे देखने के बाद मनमोहन सिंह भी इस बात को नकार नहीं सकेंगे कि फिल्म में सब सही सही दिखाया गया है. ट्रेलर के बाद ही जिस तरह से फिल्म को ले कर विवाद हुआ, बीजेपी ने उसे अभिव्यक्ति की आजादी पर कांग्रेस का हमला बताया है. sardanarohit Padmavati par bhi hangama huwa tha sardanarohit sardanarohit वह बोले तबलब आजाद हैंमैं बोलूं तो लब सिला बोलने की आजादी केवल उनके पास है और किसी के पास नहीं है वह युवराज है
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »

राफेल विवाद : राणे ने कांग्रेस के ऑडियो क्लिप को ‘छेड़छाड़’ वाला बताया, जांच की मांगराफेल डील को लेकर कांग्रेस ने आज एक ऑडियो क्लिप जारी किया है, जिसमें गोवा के मंत्री विश्वजीत राणे के कथित आवाज होने का दावा किया गया है. इस मामले में राणे ने कहा है कि ऑडियो क्लिप के साथ छेड़छाड़ की गई है. उन्होंने आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने राफेल मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने के लिए ऐसा किया है. राणे ने बुधवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को बताया कि उन्होंने राज्य सरकार से इस मामले में जांच के आदेश देने के लिए कहा है.
स्रोत: ABP News - 🏆 9. / 59 और पढो »

उत्तर प्रदेश: दोबारा ऐतिहासिक जनादेश हासिल करने साथ आई सपा-बसपाउत्तर प्रदेश में सपा-बसपा, कांग्रेस से गठबंधन नहीं चाहते, या कांग्रेस अकेले लड़ना चाहती है, इस पर बहस जारी है। लखनऊ में सपा-बसपा की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस, तस्वीरों में एक साथ मौजूद आंबेडकर और लोहिया की तस्वीर के बाद दिल्ली दरबार का पूरा विमर्श बदल गया। उत्तर प्रदेश वह प्रयोगशाला है, जहां कांशीराम और मुलायम की लहर में भी गोरखपुर की सीट भाजपा के पास थी। इसके उलट जब बसपा को शून्य पर टिका और सपा को पारिवारिक सदस्यों के बीच सिमटा दिया गया था तब गोरखपुर अलग ही राजनीतिक मोड़ लेता है। 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश ने जो ऐतिहासिक जनादेश दिया था आज उससे उबरने के लिए सपा और बसपा साथ हैं। इस सूबे की राजनीति, केंद्र की भी राजनीति है। लोहिया-आंबेडकर की तस्वीरों को साथ रख इस समीकरण का उद्देश्य है अपने-अपने वोट बैंक को साध ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल करना। केंद्र की राजनीति में सपा-बसपा के अंक मजबूत हों, इसलिए जरूरी है कि कांग्रेस का गणित बिगड़ जाए। संसद में आर्थिक आधार पर दस फीसद आरक्षण पर साथ-साथ चलने के बाद ये दोनों दल अपने-अपने वोट बैंक के पास उसी ‘पहचान’ के साथ लौट आए हैं जो इनकी बुनियाद हैं। बुनियादी विरोधाभासों के साथ वोट बैंक की ऊंची इमारत पर बैठे दोनों दलों की साझीदारी से निकले पाठ पर इस बार का बेबाक बोल।
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MP: विभागों के बंटवारे में देरी पर शिवराज का तंज, कमलनाथ के अलावा और कौन-कौन नेता चला रहे हैं सरकार?मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की नवगठित सरकार पर निशाना साधा है. शिवराज ने कहा कि मंत्रियों के विभागों के वितरण में इतना अधिक समय लगना चिंता का विषय है. चौहान ने कांग्रेस के विभिन्न गुटों के नेताओं के बीच इसके लिये मची कथित खींचतान को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि ऐसे में सवाल पैदा होता है कि मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के अलावा और कौन-कौन सरकार को चला रहा है. ChouhanShivraj कमल के अलावा दिग्गी ही चला रहे है। बेचारे सिंधिया तो बस ....क्या कहे उनको तो मध्य-प्रदेश का मन-मोहन सिंह बना रखा है। भारत माता की जय । ChouhanShivraj Sir Jee.. Worry about vyapam ChouhanShivraj किसान की घरवाली को पता होगा...... KamalNath_ digvijaya_28
स्रोत: ABP News - 🏆 9. / 59 और पढो »