scorecardresearch
 

कश्मीर में 3 खतरों को लेकर सरकार अलर्ट, डोभाल ने श्रीनगर में डाला डेरा

सरकार के सामने जम्मू-कश्मीर में अब अधिकारों और दायित्वों को पुराने ढांचे से नई प्रशासनिक व्यवस्था में ट्रांसफर करने की चुनौती है. इसके लिए अजित डोभाल युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं और कोशिश की जा रही है कि पॉवर का सहज स्थानांतरण हो जाए. सरकार का मानना है कि अगर बिना परेशानी के नई व्यवस्था काम करनी शुरू कर देती है तो लोगों की प्रतिक्रिया सहज हो सकती है.

Advertisement
X
दिल्ली में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने के खिलाफ प्रदर्शन (फोटो-एपी)
दिल्ली में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने के खिलाफ प्रदर्शन (फोटो-एपी)

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 के कई प्रावधानों को खत्म करने वाले संकल्प सोमवार को राज्यसभा से पारित होने के बाद राज्य से अभी तक कोई अप्रिय हिंसा की खबर नहीं मिली है. लेकिन सरकार के टॉप सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अधिकारियों को अंदेशा है कि एक बार मोदी सरकार के फैसले की जानकारी जम्मू-कश्मीर में फैलती है तो उसके बाद घाटी में गड़बड़ी पैदा हो सकती है.

बता दें कि इस वक्त घाटी में संचार के सभी साधन ठप हैं. लिहाजा सरकार के फैसले की जानकारी वादी के कई इलाकों में नहीं पहुंची है.

सुरक्षा बलों के आंकलन के मुताबिक घाटी में अव्यवस्था फैलने के आसार हैं. वहीं पाकिस्तान भी वादी में भावनाओं को भड़काने की कोशिश करेगा. माना जा रहा है कि हालात खराब करने के लिए पाकिस्तान नियंत्रण रेखा पर गोली बारी कर सकता है और सीमा पार से आतंकवादियों को भारत में भेज सकता है. सेना और प्रशासन अभी तीन चुनौतियों को लेकर जम्मू कश्मीर में काम कर रही है.

पहली चुनौती

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल जम्मू-कश्मीर में कैंप कर रहे हैं और पूरे हालात की निगरानी कर रहे हैं. अजित डोभाल सुरक्षा बलों के अलावा स्थानीय पुलिस से लगातार तालमेल बैठा रहे हैं और हालात पर नजर रखे हुए हैं. सुरक्षा अधिकारियों का अनुमान है कि अलगाववादी मौका पाते ही लोगों की भावनाओं को भड़काने की कोशिश करेंगे और इसका निशाना सुरक्षा बल हो सकते हैं. हालांकि सेना ने ऐसे तत्वों से निपटने के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति की घोषणा की है. इसके साथ ही इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि आम नागरिकों को किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं पहुंचे.

Advertisement

दूसरी चुनौती

जम्मू-कश्मीर पर सरकार के सामने अब अधिकारों और दायित्वों को पुराने ढांचे से नई प्रशासनिक व्यवस्था में ट्रांसफर करने की चुनौती है. इसके लिए अजित डोभाल युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं और कोशिश की जा रही है कि पावर का सहज स्थानांतरण हो जाए. सरकार का मानना है कि अगर बिना परेशानी के नई व्यवस्था काम करनी शुरू कर देती है तो लोगों की प्रतिक्रिया सहज हो सकती है.

तीसरी चुनौती

पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ से निपटने के लिए सेना की इकाई को और भी मजबूत कर दिया गया है. नियंत्रण रेखा पर जोरदार तैयारी है. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के मुख्य क्षेत्र में गड़बड़ियों से निपटने के लिए पैरामिलिट्री फोर्स को तैनात किया गया है.

Advertisement
Advertisement