कर-नाटक: येडियुरप्पा ने विधानसभा में साबित किया बहुमत, स्पीकर का इस्तीफा
कर्नाटक विधानसभा स्पीकर केआर रमेश कुमार ने 14 और बागी विधायकों को अयोग्या करार दे दिया है. इनमें 11 कांग्रेस और तीन जेड ...अधिक पढ़ें
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कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री बीएस येडियुरप्पा ने सोमवार को विधानसभा में ध्वनिमत से बहुमत साबित कर दिया.जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) और कांग्रेस के 17 बाग़ी विधायकों को अयोग्य क़रार दिए जाने के बाद बहुमत का आंकड़ा अब 105 रह गया था. नए समीकरण के मुताबिक, बीजेपी को सत्ता में बने रहने के लिए अब इतने ही विधायकों के समर्थन की जरूरत थी. अकेले बीजेपी के पास यह आंकड़ा मौजूद था. लिहाजा येडियुरप्पा को बहुमत साबित करने में कोई मुश्किल नहीं आई.
उधर, येडियुरप्पा के विश्वास मत जीतने के तुरंत बाद स्पीकर केआर रमेश ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कहा कि मैं पद को छोड़ना चाहता हूं और जो डिप्टी स्पीकर है, अभी वह इस पद को संभालेंगे.
बहुमत साबित करने के बाद मुख्यमंत्री येडियुरप्पा ने कहा, 'मैं किसी के खिलाफ बदले की राजनीति के साथ काम नहीं करता हूं. इसलिए अब भी नहीं करूंगा. हमारी सरकार किसानों के लिए काम करना चाहती है, इसलिए मैं सभी से अपील करता हूं कि सरकार के विश्वास मत प्रस्ताव का समर्थन करें.'
बीएस येडियुरप्पा चौथी बार कर्नाटक के सीएम बने हैं.
कुमारस्वामी बोले- अब इस्तीफे का दबाव खत्म कीजिए
फ्लोर टेस्ट के बाद एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि आप अब लोग सरकार में हैं, इसलिए विधायकों पर इस्तीफे का दबाव बनाना खत्म कीजिए. उन्होंने कहा कि अगर सरकार बढ़िया काम करती है तो वह सरकार को समर्थन करेंगे.
ऐसी है कर्नाटक विधानसभा
कर्नाटक विधानसभा में 225 सीटें हैं. स्पीकर केआर रमेश कुमार ने पहले 3 विधायकों को अयोग्य करार दिया था. फिर 14 और बागी विधायकों को अयोग्य करार दे दिया. इनमें 11 कांग्रेस और तीन जेडीएस के विधायक शामिल हैं. अब बचे 208 सदस्यों में से 34 जेडी(एस), 67 कांग्रेस और 105 बीजेपी के हैं. कांग्रेस के सदस्यों में स्पीकर, मनोनीत सदस्य और बी नागेंद्र भी शामिल हैं, जो फिलहाल अस्पताल में भर्ती हैं. उनके अलावा एक निर्दलीय विधायक का समर्थन भी बीजेपी को मिला हुआ है. इस लिहाज से 104 विधायक और एक आरक्षित सीट मिलाकर बीजेपी के कुल 105 विधायक हो जाते हैं.
स्पीकर केआर रमेश कुमार
अयोग्य करार दिए गए विधायकों के पास क्या है ऑप्शन?
अयोग्य करार दिए गए विधायकों के पास पहला ऑप्शन सुप्रीम कोर्ट जाने का है. कोर्ट ने विधायकों को सदन से दूर रहने की इजाजत दी थी. ऐसे में विधायक विश्वनाथ का कहना है कि पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने के लिए सदन से उनकी सदस्यता रद्द नहीं की जा सकती.
विधायकों को मिलती रहेंगी ये सुविधाएं
कर्नाटक में अयोग्य करार दिए गए विधायकों को अभी भी वो सारी सुविधाएं मिलेंगी, जो एक विधायक को रिटायर होने पर मिलती हैं. संविधान के मुताबिक, अगर कोई एक दिन भी विधानसभा का सदस्य रहता है, तो उसको पूरी पेंशन और सभी सुविधाएं मिलती हैं.
सिद्धारमैया और कुमारस्वामी
संविधान के अनुच्छेद 195 के मुताबिक, राज्य का विधानमंडल (विधानसभा और विधान परिषद) समय-समय पर कानून बनाकर अपने सदस्यों की सैलरी और अलाउंस निर्धारित कर सकेगा. कर्नाटक विधानमंडल ने मार्च 2017 को कानून बनाकर विधायकों को मिलने वाली पेंशन और अलाउंस को निर्धारित किया था. इसके तहत हर विधायक को हर महीने 40 हजार रुपये पेंशन मिलेगी. इसके अलावा जो विधायक पांच साल से ज्यादा समय तक कर्नाटक विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य रहा है, उसको एक हजार रुपये पेंशन ज्यादा मिलेगी.
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