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पाकिस्तान में जनता पर महंगाई की मार, एक रोटी की कीमत 30 रुपये

पाकिस्तान में जनता पर महंगाई की मार, एक रोटी की कीमत 30 रुपये
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पाकिस्तान अब तक के अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. लोग महंगाई की आग में झुलस रहे हैं. गेहूं और आटे के दाम आसमान छू रहे हैं. आलम यह है कि गेहूं की रोटी की कीमत 20 से 30 रुपये तक पहुंच गई है.
पाकिस्तान में जनता पर महंगाई की मार, एक रोटी की कीमत 30 रुपये
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दरअसल, पाकिस्तान में सरकार आर्थिक तौर पर कंगाल हो चुकी है. अर्थव्यवस्था चलाने के लिए सरकार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से कड़ी शर्तों पर कर्ज लेना पड़ रहा है. इसे देखते हुए सरकार को नए-नए टैक्स लगाने पड़ रहे हैं.
पाकिस्तान में जनता पर महंगाई की मार, एक रोटी की कीमत 30 रुपये
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चिंता की बात यह है कि पाकिस्तान में खाद्यान्न संकट दिनों-दिन बढ़ता चला जा रहा है. सरकार ने गेहूं और आटा दोनों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है. साथ ही सरकार जमाखोरी के खिलाफ देशभर में अभियान चला रही है.
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पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महंगाई का सबसे बड़ा कारण गेहूं का उत्पादन कम होना है. माना जा रहा है कि पाकिस्तान में इस बार गेहूं के उत्पादन में 33 फीसदी की गिरावट हुई है. पाकिस्तान में गरीबी बढ़ती जा रही है, रोजगार न के बराबर है.
पाकिस्तान में जनता पर महंगाई की मार, एक रोटी की कीमत 30 रुपये
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10 जून को राष्ट्र के नाम संबोधन में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि 30 जून तक अपनी संपत्ति की घोषणा कर दें ताकि वैध और बेनामी संपत्ति का फर्क हो सके.
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पिछले साल दिसंबर में पाकिस्तानी समाचार पत्र डॉन में प्रकाशित एक सर्वे के अनुसार नौ फीसद लोगों ने कहा कि वे आत्महत्या की कोशिश कर चुके हैं. बताया गया है कि इसके पीछे सामाजिक कारण जिम्मेदार हैं. डॉन के मुताबिक विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार 2012 में यहां आत्महत्या की दर प्रति एक लाख लोगों पर 13,000 थी. इतना ही नहीं पूरे पाकिस्तान में 34 फीसदी लोगों को डिप्रेशन की समस्या है.
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