क्रिकेट इतिहास के सबसे बड़े गेंदबाज ने 9 साल पहले आज ही (22 जुलाई को) टेस्ट क्रिकेट का अद्भुत रिकॉर्ड अपने नाम किया था. जी हां! बात हो रही है श्रीलंकाई दिग्गज ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन की. मुरलीधरन ऐसे भाग्यशाली खिलाड़ी रहे जिन्होंने अपने टेस्ट करियर की आखिरी गेंद पर 800 विकेट पूरे करने का कारनामा किया. इस चमत्कारी आंकड़े को अब तक कोई नहीं छू पाया है.
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने भी मुरलीधरन को याद किया है, हालांकि आईसीसी से एक गलती हो गई. उसने ट्वीट के साथ जो तस्वीर शेयर की, वह मुरलीधरन की नहीं- रंगना हेराथ की है. बाद में गलती का पता चलने पर आईसीसी ने उस पोस्ट को ही डिलीट कर दिया.
टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट
1. मुथैया मुरलीधरन (1992-2010), 133 टेस्ट, 800 विकेट
2. शेन वॉर्न (1992-2007), 145 टेस्ट, 708 विकेट
3. अनिल कुंबले (1990-2008), 132 टेस्ट, 619 विकेट
वनडे इंटरनेशनल में भी सबसे ज्यादा विकेट (534) लेने का रिकॉर्ड मुरलीधरन के नाम है.
जब 2010 में मुरलीधरन ने भारत के खिलाफ सीरीज के शुरुआती टेस्ट मैच से पहले संन्यास लेने की घोषणा की, तो उनके पास 792 विकेट थे. गॉल टेस्ट मैच के तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक मुरलीधरन के खाते में सिर्फ एक विकेट (सचिन तेंदुलकर का) आया था.
गौरतलब है कि उस टेस्ट मैच का दूसरा दिन पूरी तरह बारिश में धुल गया था. लेकिन खेल के चौथे दिन भारत के 12 विकेट गिरे, जिनमें से 5 मुरलीधरन ने बटोरे. भारतीय टीम फॉलो ऑन खेलने को मजबूर हुई थी और मैच के आखिरी दिन मुरलीधरन ने अपने विकेटों की कुल संख्या 799 तक पहुंचा दी थी.
ऐसा लग रहा था कि मुरलीधरन शायद ही अपने 800 विकेट पूरे कर पाएं, लेकिन वह सफल रहे. प्रज्ञान ओझा को महेला जयवर्धने के हाथों लपकवा कर उन्होंने 800 विकेट का जादुई आंकड़ा छू लिया. और इसके साथ ही उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में अपनी अंतिम गेंद पर विकेट हासिल कर रिचर्ड हैडली की बराबरी कर ली. हैडली ने भी टेस्ट क्रिकेट की अपनी अंतिम गेंद पर विकेट चटकाया था.