ममता बनर्जी ने कोलकाता में आयोजित तृणमूल की महारैली में रविवार को केंद्र सरकार के आड़े हाथों लिया। उन्होंने मोदी सरकार पर ईवीएम के जरिए फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘लोकसभा चुनाव में वे ईवीएम, सीआरपीएफ, केंद्रीय पुलिस और चुनाव आयोग का इस्तेमाल करके धोखेबाजी से जीत गए।

ममता ने चुनाव आयोग से मांग की कि वे राज्य में होने वाले पंचायती और निकाय चुनाव में बैलेट पेपर के इस्तेमाल को मंजूरी दे। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के लोग कुछ सीटें जीतकर  हमारे पार्टी दफ्तरों पर कब्जे की कोशिश कर रहे हैं और हमारे लोगों को पीट रहे हैं।

ममता बनर्जी ने शहीद दिवस रैली में कहा कि उनकी पार्टी भाजपा द्वारा ‘‘गबन किए गए’’ काले धन को लौटाने की मांग को लेकर 26 जुलाई को राज्यव्यापी प्रदर्शन करेंगी। उन्होंने कहा कि कर्नाटक की ही तरह भाजपा हर जगह खरीद-फरोख्त कर रही है।

टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के स्थान पर मतपत्र वापस लाने की मांग की है और कहा है कि लोकतंत्र को बचाने एवं चुनाव के दौरान कालेधन के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए देश में चुनाव सुधार जरूरी हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनर्जी ने चुनाव की सरकारी फंडिंग की भी मांग की है।

इससे पहले पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की शहीद दिवस रैली से पहले सत्ताधारी दल और भाजपा में एक बार फिर तनातनी बढ़ गई थी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर टीएमसी की रैली को असफल करने के प्रयास का आरोप लगाया था।  वहीं, भाजपा ने टीएमसी की इस रैली को ‘ममता का सर्कस’ करार दिया था।

बनर्जी ने कहा, ‘मैंने सुना है कि भाजपा के इशारे पर रेलवे रविवार को सामान्य संख्या में ट्रेनों का संचालन नहीं करेगा। मेरी सूचना है कि रविवार को सिर्फ 30 फीसदी ट्रेनें ही चलेंगी। यह ठीक नहीं है।’ इससे पहले दिलीप घोष ने रविवार को होने वाली टीएमसी की रैली को ‘दीदी का सर्कस’ करार दिया था।

घोष ने कहा था कि सब लोग दीदी का सर्कस देखने जाएंगे। तृणमूल कांग्रेस हर साल 21 जुलाई को पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा शासन के दौरान 1993 में पुलिस गोलीबारी में मारे गए 13 युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं की याद में रैली का आयोजन करती है। बनर्जी उस समय युवा कांग्रेस की नेता थीं।