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सिंघवी बोले- NIA बिल को फेडरल ढांचे के खिलाफ बता चुके हैं PM मोदी

एनआईए संशोधन विधेयक बुधवार को राज्यसभा में बहुमत के साथ पास हो गया. इस बिल के पास होने से पहले कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी के तर्क पर सदन में माहौल गरमा गया.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी (राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण, एनआईए) संशोधन विधेयक 2019 बुधवार को राज्यसभा में बहुमत के साथ पास हो गया. सदन में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने वाली एजेंसी को और ताकत देने की बात हो तो सभी को एक मत होना चाहिए और इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.

राज्यसभा में कांग्रेस के सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने एनआईए बिल पर बहस में कहा कि एनआईए सिर्फ एक सुरक्षाकर्मी या पुलिसकर्मी बल नहीं है बल्कि इसका गठन ही विशेष तौर पर आतंकवाद से निपटने के लिए किया गया था. सिंघवी ने कहा कि एनआईए के पास कुल 48 केस आए हैं, जिसमें 23 केस में आजतक चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है.

सिंघवी ने कहा कि दोषी ठहराने के मामले एनआईए में बहुत ही कम हैं. उन्होंने कहा कि समझौता धमाकों में फैसले के बाद सरकार ने अपील क्यों नहीं की है. एनआईए की जांच पर कोर्ट के जज सवाल उठा चुके हैं और सरकार उसे ताकतवर बनाकर विदेश में जांच का अधिकार देने जा रही है, कोई मुल्क आपको किस आधार पर एनआईए को जांच का अधिकार देगा. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि नरेंद्र मोदी तो 2011 में ही NIA एक्ट को फेडरल ढांचे के खिलाफ बता चुके हैं और आज उन्हीं की सरकार एनआईए को वैश्विक बनाना चाहती है.

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वहीं, अमित शाह ने सिंघवी के सवाल पर कहा कि सदन को एनआईए की साख रखनी चाहिए. अगर सदन ही एजेंसी पर सवाल करेगा तो लोग कैसे भरोसा करेंगे. उन्होंने कहा कि 2014-19 तक एनआईए के पास कुल 195 केस दर्ज हुए जिनमें से 129 केस में चार्जशीट हुई है. इनमें से भी 44 केसों में फैसला आ गया है और 41 में सजा भी हो चुकी है.

शाह ने कहा कि इससे ज्यादा काम तो दुनिया की कोई एजेंसी नहीं करती होगी. गृह मंत्री ने कहा कि एनआईए की कार्यक्षमता पर सवाल उठाना ठीक नहीं लेकिन दुनिया में जहां भी भारतीय के खिलाफ अपराध होगा वहां एनआईए जांच करेगी.

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