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भारतीय रेलवे का बड़ा कदम, प्राइवेट कंपनियों से सीधे खरीदी जाएंगीं ट्रेनें और रेल के डिब्बे

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भारतीय रेलवे का बड़ा कदम, प्राइवेट कंपनियों से सीधे खरीदी जाएंगीं ट्रेनें और रेल के डिब्बे

भारतीय रेलवे सीधे प्राइवेट कंपनियों से खरीद सकता है ट्रेनें और ट्रेन के डिब्बे (फाइल फोटो)
भारतीय रेलवे सीधे प्राइवेट कंपनियों से खरीद सकता है ट्रेनें और ट्रेन के डिब्बे (फाइल फोटो)

भारतीय रेलवे की प्राइवेट कंपनियों से सीधे रेडीमेड ट्रेनें, ट्रेनों के डिब्बे और बिजली से चलने वाली बिना इंजन वाली रेलगा ...अधिक पढ़ें

    भारतीय रेलवे ऐसे कुछ सरकारी संस्थानों में शामिल है जो कि सालों से लगातार नुकसान में चल रहा है. दूसरी तरफ सरकारी एयर इंडिया भी घरेलू हवाई प्राइवेट कंपनियों से जबरदस्त कंपटीशन के चलते लगातार घाटे में चल रही है. ऐसे में NDA सरकार ने अपने पहले कार्यकाल 2014 से 2019 के बीच एयर इंडिया को बचाने के लिए कई प्रयास किए लेकिन इनका नतीजा अभी तक कंपनी के पक्ष में नहीं दिखे हैं.

    दूसरे कार्यकाल में, सरकार फिर से एयर इंडिया के अंदर अपने स्टेक को कम करने का प्रयास करेगी और इसके अलावा वह भारतीय रेलवे के नुकसान को कम करने का प्रयास करेगी. इसलिए रेलवे प्राइवेट कंपनियों को अपने प्रोजेक्ट्स में शामिल कर रहा है, और उन्हें निवेश के लिए आमंत्रित कर रहा है.

    अख़बार द हिंदू की एक ख़बर के अनुसार इसी मुद्दे पर चर्चा के लिए हाल ही में केंद्रीय रेलमंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय रेल राज्यमंत्री सुरेश अगाड़ी और ट्रेन मैन्युफैक्चरिंग और कोच फैक्ट्री से जुड़े अधिकारियों की हाल ही में दिल्ली में एक खास बैठक भी हुई थी. द हिंदू की ख़बर के अनुसार, फिलहाल रेलवे ईएमयू (EMU) और मेमू (MEMU) ट्रेनों की रेक मंगवाने पर विचार कर रहा है.

    बता दें कि भारत में रेलवे की तीन प्रोडक्शन यूनिट इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (चेन्नई), मॉडर्न कोच फैक्ट्री (रायबरेली) और रेल कोच फैक्ट्री (कपूरथला) हैं. कहा जा रहा है कि रेडीमेड ट्रेनों के साथ ही रेलवे को नई तकनीक भी मिल जाएगी. ख़बर के मुताबिक रेलवे अगले 3 सालों में 2000 रेक खरीद सकता है. इनमें EMU और MEMU के अलावा 320 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन और कोलकाता मेट्रो भी शामिल होंगीं. रेक बिना इंजन के डिब्बों की कड़ी होती है.

    हालांकि सभी तरफ से रेलवे के इस संभावित कदम का स्वागत नहीं हुआ है. रेलवे में प्रोडक्शन यूनिट से जुड़े लोग इस कदम को अपनी नौकरियों पर मंडराते खतरे के तौर पर भी देख रहे हैं. हालांकि रेलमंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि पूरी ट्रेन को खरीदने की योजना मेक इन इंडिया पॉलिसी के तहत ही आएगी.

    बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं है कि रेलवे ने पूरी ट्रेनें खरीदने का निर्णय किया हो, इससे पहले भी चेन्नई मेट्रो रेल लिमिटेड ने अपने प्रोजेक्ट के लिए रेडीमेड ट्रेनें ही खरीदी थीं.

    यह भी पढ़ें: रेलवे करेगा भ्रष्ट अधिकारियों की छंटनी, ये है प्लान

    Tags: Indian railway, Manufacturing sector, Private sector employees, Railway, Train