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देश में बाढ़ का कहर जारी, असम में अब तक 15, बिहार में 34 लोगों की मौत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से फोन पर बात की और राज्य में बाढ़ से उत्पन्न हालात का जायजा लिया. मुख्यमंत्री की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने स्थिति से निपटने के लिए असम सरकार को सभी तरह की सहायता देने का भरोसा दिया है.

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बाढ़ का चपेट में कई राज्य (फोटो-IANS)
बाढ़ का चपेट में कई राज्य (फोटो-IANS)

पूर्वोत्तर समेत उत्तर भारत में बाढ़ का जानलेना कहर जारी है. असम के 33 में से 28 जिले इस वक्त बाढ़ में डूबे हैं, ब्रह्मपुत्र नदी से पूरे असम में जल प्रलय आ गया है. राज्य में 4157 गांव पानी में डूब गए और 26 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं. बाढ़ के कारण असम में सोमवार 4 लोगों की मौत हो गई है. वहीं राज्य में अब तक बाढ़ से मरने वालों का आंकड़ा 15 पहुंच गया है.

पीएम मोदी ने लिया हालात का जायजा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से फोन पर बात की और राज्य में बाढ़ से उत्पन्न हालात का जायजा लिया. मुख्यमंत्री की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने स्थिति से निपटने के लिए असम सरकार को सभी तरह की सहायता देने का भरोसा दिया है.

10 लाख से ज्यादा जानवर भी प्रभावित

सरकार ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) को विभिन्न जिलों में फंसे हुए लोगों की मदद के लिए लगाया है. राज्य के कई इलाकों में राहत एवं बचाव अभियान के लिए सेना को भी बुलाया गया है. असम में बाढ़ की वजह से 10 लाख से ज्यादा जानवर भी प्रभावित हैं. देशभर में एनडीआरएफ की 119 टीमें तैनात हैं, जिसमें 14 टीमे असम और 19 टीमें बिहार में राहत एवं बचाव अभियान में जुटी हैं.

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असम में 1986 के बाद से सबसे भयंकर बाढ़

असम में बाढ़ से हालात बिगड़ते ही जा रहे हैं, बताया जा रहा है कि 1986 के बाद ये सबसे भयंकर बाढ़ आई है. असम में काज़ीरंगा नेशनल पार्क का 70 फीसदी हिस्सा डूब चुका है, गैंडों के लिए मशहूर काजीरंगा पार्क में बाढ़ से गैंडे परेशान हो रहे हैं. असम के गुवाहाटी में ब्रह्मपुत्र नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. अगर इसी तरह पानी का लेवल बढ़ता गया तो खतरा बहुत बढ़ सकता है. रिहायशी इलाकों के डूबने का खतरा है.

बिहार में बाढ़ से 24 लोगों की मौत

बिहार के उत्तरी हिस्सों के लगभग सभी जिलों में शहर से गांव तक बाढ़ का पानी कहर ढा रहा है. लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण लिए हुए हैं. बाढ़ से राज्य में अब तक 24 लोगों की मौत हो चुकी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को हवाई जहाज से बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लिया. बिहार के जिन इलाकों में बाढ़ का सबसे ज्यादा असर है, उनमें अररिया, किशनगंज, सुपौल, दरभंगा, शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया और सहरसा जिला शामिल हैं. मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित सभी इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य तेज करने का निर्देश दिया है.

बिहार में बारिश और बाढ़ के चलते दर्जनभर से ज्यादा जिलों में बाढ़ ने तांडव मचा रखा है. लोगों को सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाया जा रहा है, लेकिन शासन प्रशासन के तमाम इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं.  मधुबनी के झंझारपुर इलाका पानी में जलमग्न है. एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें बाढ़ में फंसे लोगों को रेस्क्यू करने में जुटी हुई हैं.

बाढ़ से रामायण सर्किट पर बुरा असर, सीतामढ़ी-जनकपुर का संपर्क टूटा

सीतामढ़ी में आई बाढ़ ने रामायण सर्किट को बहुत नुकसान पहुचाया है. बागमती और अधवारा समूह की नदियों के रौद्र रूप ने प्रशासन को संभालने का मौका तक नहीं दिया. बाढ़ की वजह से सीतामढ़ी और जनकपुर से संपर्क बिल्कुल टूट गया है. सीतामढ़ी जो माता-सीता की जन्मस्थली है, और जनकपुर जहां वो पली बढ़ी लेकिन बाढ़ की वजह से श्रद्धालु एक से दूसरी जगह नहीं जा सकते. हाल ही में जनकपुर से अयोध्या के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बस सेवा शुरू की थी, अब कई पुलों के ध्वस्त होने के बाद इसे ठीक करने में महीनों लग सकते हैं. वहीं नेशनल हाइवे 104 के मरम्मत के बिना रामायण सर्किट पूरा नहीं हो सकता.

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त्रिपुरा, मिजोरम में बाढ़ से 15 हजार लोग प्रभावित

वहीं त्रिपुरा की राजधानी अगरतला को स्मार्ट सिटी बनाने का दावा किया गया था, लेकिन जिस तरह बाढ़ का पानी गोते खा रहा है, क्या कोई कह सकते हैं कि ये स्मार्ट सिटी बन सकता है. त्रिपुरा और मिजोरम में बारिश और बाढ़ से 15 हज़ार से ज़्यादा लोग प्रभावित हैं. पूर्वोत्तर में मौजूदा बाढ़ की वजह अरुणाचल प्रदेश, भूटान और ऊपरी असम में हुई तेज बारिश है. इससे ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों में पानी का जल स्तर बढ़ता है, और वो खतरे के निशान से ऊपर चली जाती हैं. जिससे तटबंध टूट जाते हैं और बाढ़ आ रही है.

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बारिश और भूस्खलन के कारण त्रिपुरा और मिजोरम का देश के बाकी हिस्से से रेल मार्ग से संपर्क टूट गया है.  बाढ़ के कारण नदियों में आए उफान में डूबे तीन लोगों के शव बरामद किए गए हैं.

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