सिद्धू ने सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को भेजा, ट्विटर पर दी जानकारी

5 वर्ष पहले
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फाइल। - Dainik Bhaskar
फाइल।
  • लोकसभा चुनाव के समय से मुख्यमंत्री अमरिंदर से सिद्धू की अनबन चल रही थी
  • 6 जून को अमरिंदर ने सिद्धू का विभाग बदल दिया था, हालांकि उन्होंने कार्यभार नहीं संभाला

जालंधर. नवजोत सिंह सिद्धू के मंत्रिमंडल से इस्तीफे पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि जनरल द्वारा दिए काम को एक सैनिक कैसे मना कर सकता है? कैप्टन का यह बयान उस वक्त आया है, जब सिद्धू ने सोमवार को ट्वीट किया कि उन्होंने मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा भेज दिया है।

 

सिद्धू ने लिखा, इस्तीफा सीएम के आधिकारिक आवास के पते पर पहुंच चुका है। इस पर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा,  \'\'मेरी जानकारी में आया है कि मेरे घर के पते पर इस्तीफा भेजा गया है, लेकिन मैंने अभी तक देखा नहीं। मैं दिल्ली में हूं। इस्‍तीफा देखने के बाद इस संबंध में कदम उठाऊंगा। मैंने कैबिनेट में फेरबदल में उन्‍‍हें (सिद्धू को) बेहद महत्‍वूपर्ण विभाग दिया था, लेकिन अब इस्‍तीफा देने का फैसला उनका है।\'\'

 

सिद्धू ने 10 जून को राहुल गांधी को भेजा था इस्तीफा 

इससे पहले रविवार को सिद्धू ने 10 जून को पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के नाम से संबोधित इस्तीफा दे दिया था। रविवार को उन्होंने इसे सोशल मीडिया पर शेयर किया था। इसके बाद से सिद्धू ने मुख्यमंत्री अमरिंदर को जल्द इस्तीफा भेजने की जानकारी सोशल मीडिया पर दी थी। सिद्धू जनवरी 2017 में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। 

 

My letter to the Congress President Shri. Rahul Gandhi Ji, submitted on 10 June 2019. pic.twitter.com/WS3yYwmnPl

— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) July 14, 2019

जून में सिद्धू एक कैबिनेट मीटिंग में नहीं पहुंचे थे। इसके बाद 6 जून को अमरिंदर ने उनका विभाग बदल दिया। सिद्धू से महत्वपूर्ण माना जाने वाला स्थानीय शासन विभाग ले लिया गया और उन्हें बिजली एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग का प्रभार दिया गया था। हालांकि, सिद्धू ने नए मंत्रालय का प्रभार नहीं संभाला। 10 जून को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से दिल्ली में मिले थे।

 

पत्नी को टिकट नहीं मिलने पर गहराया था विवाद 

लोकसभा चुनाव में टिकट न मिलने पर सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर ने अमरिंदर के खिलाफ नाराजगी जताई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें अमरिंदर की वजह से अमृतसर सीट से टिकट नहीं मिला। वहीं, सिद्धू ने भी पत्नी का समर्थन किया था। हालांकि, अमरिंदर ने इन आरोपों से इनकार कर दिया था।

 

पाक सेना प्रमुख से गले मिलने पर कैप्टन ने विरोध जताया था
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण में सिद्धू के सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा से गले मिलने पर कैप्टन अमरिंदर ने विरोध जताया था। इसके बाद 2018 में जब सिद्धू करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास के दौरान पाकिस्तान गए तो अमरिंदर ने कहा था कि सिद्धू हाईकमान की परमिशन के बिना वहां गए हैं।

 

क्रिकेट से राजनीति तक सिद्धू  

1983 से 1999 तक सिद्धू क्रिकेट खिलाड़ी रहे। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद उन्हें भाजपा ने टिकट दिया। 2004 में वह अमृतसर की लोकसभा सीट से सांसद चुने गए। हालांकि, जनवरी 2007 में पुराने गैर-इरादतन हत्या के मामले में कोर्ट का फैसला आते ही उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगा दी। 2007 के उपचुनाव में भी सिद्धू ने अमृतसर सीट पर दोबारा जीत हासिल की थी। 2009 में उन्होंने अमृतसर सीट पर जीत हासिल की। मई 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को बरी कर दिया।

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