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सपा सांसद आजम खान को भू-माफिया की लिस्ट में शामिल करने की तैयारी

दो दर्जन से भी ज्यादा मामलों में फंसे समाजवादी पार्टी के नेता और सांसद आजम खान अपने राजनीतिक जीवन के सबसे कठिन दौर से गुजर रहे हैं. पिछले कुछ वक्त में उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं, लेकिन उनकी मुसीबत सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं हैं.

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सपा नेता आजम खान (फाइल फोटो)
सपा नेता आजम खान (फाइल फोटो)

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता और रामपुर से सांसद आजम खान का नाम भू-माफिया की लिस्ट में शामिल किया जा सकता है. रामपुर का जिला प्रशासन यूपी सरकार के एंटी-भू माफिया पोर्टल पर भू-माफिया की श्रेणी के तहत आजम खान का नाम डालने पर विचार कर रहा है.

दो दर्जन से भी ज्यादा मामलों में फंसे समाजवादी पार्टी के नेता और सांसद आजम खान अपने राजनीतिक जीवन के सबसे कठिन दौर से गुजर रहे हैं. पिछले कुछ वक्त में उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं, लेकिन उनकी मुसीबत सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं हैं. सपा नेता के पैतृक शहर रामपुर का जिला प्रशासन अब राज्य सरकार के 'एंटी-भू माफिया' पोर्टल पर आजम खान को भूमि माफिया के रूप में शामिल करने पर विचार कर रहा है.

आजम खान के खिलाफ 30 से ज्यादा मामले दर्ज

बता दें कि उत्तर प्रदेश में 2017 में सत्ता संभालने के तुरंत बाद ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भू-माफिया की पहचान करने और जमीन कब्जाने से संबंधित लोगों की शिकायत दर्ज कराने के लिए इस पोर्टल की शुरुआत की थी. पुलिस के मुताबिक नवनिर्वाचित लोकसभा सदस्य आजम खान पर 30 से भी ज्यादातर मामले दर्ज हैं. जिनमें सबसे ज्यादा मामले सरकारी जमीन और गरीबों की जमीन हथियाने से जुड़े हैं रामपुर के पुलिस अधीक्षक अजय पाल शर्मा ने बताया कि जमीन हथियाने के कई मामलों को ध्यान में रखते हुए आजम खान का नाम एंटी-भू माफिया पोर्टल में सूचीबद्ध करने पर विचार किया गया है.

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जमीन हथियाने के मामलों की होगी समीक्षा

उत्तर प्रदेश के आईपीएस अधिकारी अजय पाल शर्मा ने आईएएनएस से कहा, जिलाधिकारी और मैं जिले के विभिन्न थानों में आजम खान और उनके सहयोगियों के जरिए जमीन हथियाने को लेकर दर्ज मामलों पर समीक्षा करेंगे. उसके बाद ही उनके नाम को सरकारी भू माफिया पोर्टल पर सूचीबद्ध करने की सिफारिश की जाएगी. इससे पहले हाल ही में शुक्रवार को रामपुर के अजीम नगर पुलिस थाने में राजस्व विभाग की ओर से दर्ज एक एफआईआर के आधार पर आजम खान के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.

आजम खान पर किसानों की जमीन हड़पने का आरोप

एफआईआर में खुलासा किया गया है कि आजम खान और उनके करीबी सहयोगी अलीहसन खान नामक एक पूर्व पुलिस अधिकारी ने कथित तौर पर 26 किसानों से जमीन हड़प ली. इस जमीन का उपयोग सपा नेता ने अपनी करोड़ों की मेगा परियोजना- मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के निर्माण में किया. राजस्व विभाग की शिकायत के बाद रामपुर के 26 किसान, जिन्हें कथित रूप से जाली भूमि बिक्री के दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने के लिए प्रताड़ित किया गया था, अब अलग-अलग एफआईआर दर्ज कराएंगे.

मंत्री पद का दुरुपयोग कर जमानों पर अवैध कब्जे का आरोप

राज्य के राजस्व विभाग की शिकायत में यह भी कहा गया है कि गरीब किसानों की जमीन हड़पने में अपने पद (यूपी के कैबिनेट मंत्री, 2012-2017 के रूप में) का दुरुपयोग करने वाले आजम खान ने 5,000 हेक्टेयर की विशाल भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया था. राजस्व अधिकारी ने कहा, यह भूमि नदी किनारे की है, इसका अधिग्रहण नहीं किया जा सकता. हालांकि, राजस्व रिकॉर्ड जाली थे और बाद में कई सौ करोड़ की यह जमीन जौहर अली विश्वविद्यालय के रूप में अवैध रूप से हथिया ली गई.

अधिकारी के अनुसार, नदी के किनारों पर कब्जा करने के लिए व धोखाधड़ी करने के उद्देश्य से बनाए गए जाली दस्तावेज, आजम खान के खिलाफ मजबूत सबूत के तौर पर उपलब्ध हैं. पुलिस सूत्रों ने कहा कि आजम खान या उनके सहयोगियों की ओर से जमीन हड़पने के अन्य मामलों से संबंधित कई शिकायतें रामपुर पुलिस अधीक्षक को मिली हैं.

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इस बीच आजम खान के समर्थकों का कहना है कि उनके नेता को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है, क्योंकि वह जिले में विपक्ष की एकमात्र आवाज हैं. सांसद के तौर पर मोदी सरकार की कड़ी आलोचना करते रहते हैं.

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